दिल्ली सरकार ने बुधवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा परिणाम की समय-सीमा की समीक्षा करने का आग्रह किया. दिल्ली सरकार के मुताबिक उसके कई शिक्षक कोविड-19 ड्यूटी में लगे हुए हैं और स्कूलों का इस्तेमाल टीकाकरण केंद्रों के रूप में किया जा रहा है. ऐसे में तय समय पर परीक्षा परिणाम तैयार करना मुश्किल है. इस कारण सीबीएसई एक बार फिर स्कूलों को 10वीं का रिजल्ट तैयार करने के लिए दी गई समय सीमा की समीक्षा करे.
CBSE को लिखे एक पत्र में, सरकार ने हाई पॉजिटिव रेट, राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 मामलों की बढ़ती संख्या और 10 मई तक शहर में लगाए गए लॉकडाउन का हवाला दिया है.

 

CBSE ने दी थी ये समय सीमा
बता दें कि सीबीएसई ने स्कूलों को 10वीं के स्टूडेंट्स के इंटरनल असेसमेंट के अंक 11 जून तक जमा करने के निर्देश दिए थे जिसके बाद परिणाम 20 जून तक घोषित किया जाना था. लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सीबीएसई से आग्रह किया है कि वे 10वीं कक्षा का बोर्ड परिणाम तैयार करने के लिए दी गई समय सीमा की समीक्षा करें.

 

ज्यादातर टीचर और स्कूल स्टाफ कोविड ड्यूटी कर रहे हैं
पत्र में आगे कहा गया है कि, “जिला प्रशासन की सहायता के लिए, अधिकांश शिक्षक और अन्य कर्मचारी, जिनमें दिल्ली सरकार के स्कूलों के डेटा एंट्री ऑपरेटर और आईटी सहायक शामिल हैं, कोविड-19 संबंधित ड्यूटी करने में सबसे आगे हैं.”पत्र के अनुसार, शिक्षक COVID-19 हॉटस्पॉट और कमजोर क्षेत्रों में डोर-टू-डोर सर्वेक्षण करने, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के साथ ही बॉडीज की मूवमेंट को मॉनिटर करने में व्यस्त हैं.

 

पत्र में आगे कहा गया है कि, शिक्षक और स्कूल स्टाफ COVID टीकाकरण से संबंधित गतिविधियों में भी लगे हुए हैं. शिक्षक COVID प्रोटोकॉल के प्रवर्तन और हवाई अड्डे पर स्क्रीनिंग में सरकार की सहायता कर रहे हैं. वहीं सरकार ने कहा कि उसके 76 स्कूलों को COVID टीकाकरण केंद्रों के रूप में नामित किया गया है. इसके अलावा, ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें शिक्षक या स्टूडेंट्स या उनके परिवार के सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं या उन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है.

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