कोरोना महामारी के दौरान अप्रैल-मई महीने में ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से कई मरीजों की जान गई है. अब यह संक्रमण गांव की तरफ बढ़ रहा है. ऐसे में कई राज्य ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर बेहद चिंतित है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को शुक्रवार को एक खत लिखा है, जिसमें उन्होंने इसी मुद्दे को लेकर अपनी बात रखी है. उन्होंने पीएसए (Pressure Swing Adsorption) ऑक्सीजन प्लांट के संदर्भ में पीएम मोदी को याद दिलाते हुए कहा है कि हमें बताया गया था कि हमें 70 पीएसए प्लांट्स दिए जाएंगे. लेकिन अब कहा जा रहा है कि पहले फेज में सिर्फ 4 प्लांट ही जाएंगे और बाकी प्लांट्स को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने अपने शिकायती पत्र में प्लांट्स आवंटन को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा, “हमें बताया गया था कि हमें 70 पीएसएस प्लांट मिलेंगे, लेकिन अब कहा जा रहा है कि पहले चरण में हमें चार ही प्लांट मिलेंगे और बाकी के प्लांट के बारे में कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं बताया जा रहा है.”

बनर्जी ने पत्र में आगे लिखा, ”केंद्र सरकार के इस डांवाडोल रवैये की वजह से सहायक पीएसएस लगाने की राज्य की योजना और हमारे फंड पर भी असर पड़ रहा है. केंद्र राज्यों में अस्पतालों को पीएसए संयंत्रों की आपूर्ति करने पर विचार कर रहा है. प्राथमिकताओं में बार-बार बदलाव हो रहा है, क्रियान्वयन करने वाली एजेंसियों का रुख भी बदल रहा है, पश्चिम बंगाल के लिए निर्धारित कोटे में भी लगातार संशोधन कर इसे कम किया जा रहा.”

ममता बनर्जी ने केंद्र से पीएसए प्लांट को लेकर अपनी प्राथमिकताओं के साथ ही कोटे को उचित, निष्पक्ष और जल्द निर्धारित करने का अनुरोध किया है.

ममता बनर्जी ने पत्र में लिखा, केंद्र राज्यों के अस्पतालों में पीएसए संयंत्रों की आपूर्ति करने पर विचार कर रहा है. लेकिन इस मामले में कोई खास प्रगति नहीं हो रही है. इसकी प्राथमिकताएं तय की जा रही है और फिर बदली जा रही हैं. एजेंसियों को बार-बार अस्थिर किया जा रहा है.”

बनर्जी ने पीएम मोदी से अनुरोध करते हुए कहा है कि प्राथमिकता के साथ क्रियान्वयन करने वाली एजेंसियों की जिम्मेदारी तय कर और उचित, पारदर्शी तथा निष्पक्षता से कोटा निर्धारित करें. दिल्ली में दुविधा की स्थिति के कारण राज्य की एजेंसियों द्वारा पीएसए संयंत्र लगाने की पूरक योजनाओं पर भी असर पड़ रहा है.

राजस्थान सरकार ने भी लिखा पत्र
वहीं, राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने भी पीएम मोदी को खत लिखा है. उन्होंने बताया है कि एक्टिव केसों के मामले में राजस्थान चौथा सबसे अधिक प्रभावित राज्य है. यहां पर 2.11 लाख एक्टिव कोरोना केस हैं, जो देश के कुल एक्टिव मामलों का 5.72 प्रतिशत है. वर्तमान में प्रदेश को 435 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन है. इसमें 125 मीट्रिक टन ASU है. कुल मिलाकर हालात बेहद नाजुक है.

गहलोत ने लिखा, “स्थिति बेहद गंभीर है क्योंकि पहले से बर्नपुर और कलिंगनगर से आवंटित ऑक्सीजन के 100 टन ऑक्सीजन को उठाने में दिक्कत आ रही हैं और पूरी कोशिश के बावजूद इस कोटे का हम पर्याप्त उपयोग नहीं कर पाए हैं.”

उन्होंने लिखा, मेरा विनम्र आग्रह है कि जामनगर और हजीरा से ऑक्सीजन कोटे के आवंटन को शीघ्र रिवाइज़ किया जाए क्योंकि कई राज्यों में सक्रिय केसों में कमी आई है साथ ही आयातित ऑक्सीजन का भी शीघ्रातिशीघ्र अधिक आवंटन किया जाए.”

उल्लेखनीय है कि राजस्थान में 24 घंटों के दौरान 14,289 नए मरीजों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है. राज्य में अभी 2,12,753 कोरोना संक्रमित मरीज उपचाराधीन हैं.

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