नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के हाथों गिरफ्तार कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी और सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा की तबीयत बिगड़ गई है। मंगलवार तड़के जेल से इन्हें एसएसकेएम अस्पताल ले जाकर भर्ती किया गया। सीबीआई हिरासत में मौजूद मंत्री सुब्रत मुखर्जी की भी तबीयत बिगड़ गई थी। हालांकि अस्पताल ले जाने पर उन्होंने चेकअप से मना कर दिया और वापस जेल लौट आए।
सोमवार को सीबीआई टीम ने सेंट्रल फोर्स के जवानों की मदद से राज्य के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम, पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी, उत्तर 24 परगना के कमरहटी से विधायक मदन मित्रा और राज्य के पूर्व मंत्री व कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था। ममता बनर्जी इनकी गिरफ्तारी के खिलाफ सीबीआई दफ्तर में छह घंटे तक धरने पर बैठी रही थीं। बाद में बैंकसाल कोर्ट में सुनवाई के दौरान इन्हें 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी। लेकिन सीबीआई ने तत्काल कलकत्ता उच्च न्यायालय में सुनवाई की अर्जी लगाई थी और 10:30 बजे के करीब इनकी जमानत को खारिज करते हुए कोर्ट ने बुधवार तक जेल में रखने का आदेश दिया है। उसी के मुताबिक 40 से 50 केंद्रीय जवानों की निगरानी में इन्हें प्रेसिडेंसी केंद्रीय कारागार में ले जाया गया।
सीबीआई सूत्रों ने बताया है कि वहां जाने के कुछ देर के बाद मदन मित्रा, शोभन चटर्जी और सुब्रत मुखर्जी ने तबीयत खराब होने की बात कही। जेल के डॉक्टरों ने इनकी जांच की लेकिन तीनों सांस लेने में तकलीफ का दावा कर रहे थे। इन्हें तुरंत एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया। यहां मदन मित्रा का ऑक्सीजन लेवल सामान्य से नीचे था जिसके बाद इन्हें वूडवर्न वार्ड के कमरा नंबर 103 में भर्ती किया गया है। शोभन चटर्जी को भी 106 नंबर वार्ड में भर्ती करना पड़ा है। हालांकि सुब्रत मुखर्जी वापस जेल लौट गए हैं।
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