रांची। चक्रवाती तूफान ‘यास’ की बुधवार की रात एक बजे के करीब पश्चिमी सिंहभूम के टोंटा के रास्ते झारखंड में इंट्री हुई। गुरुवार सुबह यह तोरपा-खूंटी होता हुए रांची के ऊपर पहुंचा। इसके बाद रामगढ़, बोकारो से होते हुए धनबाद पहुंचा। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार इसके बाद इसके जमुई-बांका के रास्ते बिहार में प्रवेश करेगा और धीरे-धीरे कमजोर पड़ जायेगा। तूफान के असर से पूरे झारखंड में पिछले 24 घंटे से बारिश हो रही है। इससे पहले चक्रवाती तूफान ‘यास’ बुधवार सुबह ओड़िशा के बालासोर के नजदीक बहानगा तट से टकराया। इस दौरान हवा की रफ्तार 130-140 किमी प्रति घंटे रही। दोपहर करीब 1.30 बजे तक तूफान कमजोर पड़कर ‘बेहद खतरनाक’ से ‘खतरनाक’ श्रेणी में बदल गया और 10 किमी/घंटा की गति से बढ़ने लगा। इसके बाद तूफान का रात 1 बजे पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड़ा की जगह पश्चिमी सिंहभूम के टोंटो से झारखंड में प्रवेश हुआ। उस समय गति 50-60 किमी प्रति घंटे थी। इधर, ‘यास’ के असर से रांची समेत झारखंड के 21 जिलों में 24 घंटे से बारिश हो रही है। जमशेदपुर, धनबाद में तेज हवा के कारण कई पेड़, बिजली पोल गिर गये, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित रही। 27 और 28 मई को भी पूरे राज्य में बारिश के आसार हैं।

बंगाल में तूफान की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हुई। सरकारी सूत्रों ने बताया कि एक करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और तीन लाख से अधिक मकान आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये हैं। तूफान के बुधवार दोपहर को बंगाल तट के टकराने के बाद 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। कई नदियां उफन गयीं और बड़ी संख्या में बांध टूट गये। इससे कृषि संपदा को भी व्यापक क्षति हुई है। खेतों में समुद्र का पानी घुस जाने के कारण खेती नष्ट हो गयी है। तूफान का सर्वाधिक असर उत्तर और दक्षिण 24 के साथ-साथ पूर्व मेदिनीपुर के तटवर्ती इलाके में हुअ। समुद्र का पानी गांवों और घरों में घुस गया। मुख्यमंत्री ने ममता बनर्जी ने चक्रवात के बाद आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। वह शुक्रवार को पूर्व मेदिनीपुर के प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करेंगी। बाद में उन्होंने कहा कि 15 लाख चार हजार पांच सौ लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। राहत सामग्री के लिए 10 लाख तिरपाल, कपड़ा, चावल आदि भेजा गया है। उन्होंने कहा कि चूंकि पश्चिम बंगाल नदियों का प्रदेश है, इस कारण बार-बार बाढ़ और चक्रवाती तूफान आते हैं। प्रत्येक बार बांध बनाया जाता है और फिर वह टूट जाता है। चक्रवात के बाद राहत कार्यों के लिए राज्य सरकार ने टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स का नेतृत्व मुख्य सचिव करेंगे। इसमें बांध निर्माण के विभिन्न पहुलओं को लेकर चर्चा होगी।

ओड़िशा में भी तूफान से भारी नुकसान हुआ है। मंगलवार से ही कई इलाकों में तेज हवाएं चल रही हैं और भारी बारिश जारी है। राज्य के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने बताया कि तूफान के कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि बालासोर के नीलागिरी क्षेत्र में बारिश का सिलसिला पिछले 18 घंटे से जारी है।  सिमिलीपाल क्षेत्र में सर्वाधिक वर्षा 304 मिमी दर्ज की गयी। मयूरभंज में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। पश्चिम बंगाल की सीमा के पास उदयपुर में हवा ने कई चेक पोस्ट बैरिकेड्स उड़ा दिये। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक लगातार स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने तूफान प्रभावित जिलों से हर घंटे की रिपोर्ट देने को कहा है।

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