अजय शर्मा
रांची। कोरोना संक्रमण के खिलाफ कम संसाधन में सीएम हेमंत सोरेन झारखंड के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लड़ रहे हैं। झारखंड चिकित्सा सुविधा के मामले में पिछड़ा माना जाता है। लेकिन सीएम ने इसके खिलाफ प्रभावी जंग के लिए पूरी व्यवस्था को तैयार किया है। मुख्यमंत्री ने खुद मोर्चा संभाल रखा है। इसी का नतीजा है एक तरफ जहां तेजी से बढ़ते संक्रमण में ब्रेक लगा है, वहीं कोविड अस्पतालों और बेडों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। कोरोना की दूसरी लहर के प्रारंभिक दौर में ऐसा लग रहा था, जैसे झारखंड इसे सह नहीं पायेगा और भारी तबाही होगी। ऐसे में सीएम हेमंत ने क्रमवार इससे निपटने के लिए बड़ी कार्ययोजना तैयार की। यहां के अस्पतालों में सरकार की ओर से हरसंभव सुविधाएं मिल रही हैं। घरों में आइसोलेट होनेवालों को मेडिकल किट दिया जा रहा है। इससे भी राज्यवासियों को भारी राहत मिली है। इससे कम आयवाले तबके काफी लाभान्वित हो रहे हैं। एक समय आॅक्सीजन को लेकर पूरे देश में कोहराम मचा था। उस समय भी झारखंड में वह स्थिति नहीं आयी। एक-दो दिन तक अफरा-तफरी का माहौल जरूर रहा, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति नियंत्रण में आ गयी। झारखंड में आॅक्सीजन के सभी सिलेंडर करीब-करीब फुल हैं। कई अस्पतालों में तो पाइप से ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है। आॅक्सीजन बेड की संख्या में भी वृद्धि हुई है। अभी कुछ दिन पहले संथाल के साहेबगंज में कोरोना टेस्टिंग लैब की शुरूआत कर दी गयी। राज्य के पांच जिलों, रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग, धनबाद और बोकारो में संक्रमितों की संख्या ज्यादा है। इस कारण इन शहरों में कई कोविड सेंटर बनाये गये हैं। कोरोना से कम मौत हो, इसकी पुख्ता व्यवस्था सरकार कर चुकी है। इस बार जो तैयारी की गयी है, वह तीसरी लहर से निपटने के लिए भी पर्याप्त होगी।
सीएम हेमंत ने राज्य में दवाओं की किल्लत पर भी ध्यान दिया। उन्होंने देश में सबसे पहले रेमडेसिविर के आयात के लिए अनुमति मांगी, जो अब तक नहीं मिली है। इसके अलावा टीकाकरण और कोरोना जांच की रफ्तार बढ़ाने की दिशा में लगातार काम हो रहा है। महज 12 दिन में पांच सौ से अधिक बेड का कोविड अस्पताल तैयार कर लिया गया है। इसके अलावा कल्याण विभाग के अस्पतालों में आठ सौ बेड की व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा संजीवनी वाहन और अमृतवाहिनी वेबसाइट की शुरूआत भी इस जंग में कारगर हथियार साबित होंगे। सीएम हेमंत के इन उपायों ने झारखंड के लोगों में विश्वास जगाया है कि वे इस महामारी के खिलाफ जंग को एकजुट होकर जीतेंगे।
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