अग्रवाल बंधुओं को भी भेजा जाता था पैसा

आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल के मनरेगा घोटाले की जांच के क्रम में खनन विभाग में करप्शन का मामला सामने आने के बाद राज्य में तबादले के खेल की भी पोल खुल गयी है। इस पूरे प्रकरण में दलालों की सक्रियता, उनकी भूमिका और सरकार के फैसले में उनके हस्तक्षेप की जानकारी इडी को लगी। अब ब्यूरोक्रेट्स और सत्ता के करीबी माने जाने वाले दलाल प्रेम प्रकाश ने शुक्रवार को एक बार फिर कबूला कि वह ठेका मैनेज करने, जिला का एसपी और डीसी कौन होगा, यह तय करने और बड़े आइपीएस अधिकारियों के तबादले में भूमिका निभाता था और इस एवज में मोटी रकम वसूल करता था तथा रकम का एक बड़ा हिस्सा कोलकाता के अग्रवाल बंधुओं को भी भेजी जाती थी। जैसा जिला, वैसा दाम तय था। अवैध खनन के लिए वसूली सिंडिकेट काम करता है। उसने अवैध कोयला तस्करी, पत्थर तस्करी और बालू तस्करी में भी भूमिका निभाने की बात स्वीकार कर ली है। कुछ ऐसे नेताओं के नाम भी बताये हैं, जो इसमें हिस्सेदार थे। झारखंड कैडर के कई आइपीएस अधिकारियों का नाम भी प्रेम प्रकाश ने इडी को बताया है और कहा है कि इनके पदस्थापन उसके चलते हुए हैं। कुछ आइपीएस अधिकारियों ने जूनियर अधिकारियों को जिला में पदस्थापित कराने में भी भूमिका निभायी है। जब सवाल करने लगे, तो उसके पसीने उतरने लगे। प्रेम प्रकाश ने यह भी स्वीकार कर लिया है कि उसे किस अधिकारी ने झारखंड लाया था। इडी को पता चला है कि उसने अपने से जुड़े लोगों को मोबाइल डाटा और व्हाट्सएप चैट डिलीट करने को कहा था। उसने उन लोगों के नाम बताये हैं, जो उससे जुड़े थे।

शेल कंपनी के बारे में दी जानकारी : शेल कंपनी के बारे में भी प्रेम प्रकाश ने महत्वपूर्ण जानकारी इडी को दी है और स्वीकार किया है कि उसके जरिये काला धन को सफेद किया जाता था। अब उसके बताये या स्वीकार किये गये बयान के आधार पर इडी आगे की कार्रवाई करेगी।

हरमू में अफसर बजाते थे सलामी : मनचाही पोस्टिंग के लिए झारखंड के कुछ आइएएस और आइपीएस अधिकारी प्रेम प्रकाश के यहां आया-जाया करते थे। वह महफिल सजाता था और अधिकारी उसके दरबारी हुआ करते थे। उसने सबके नाम बताये हैं। समय-समय पर वह पार्टी दिया करता था, जिसमें अधिकारी आया करते थे। उसने यह भी स्वीकारा है कि अशोकनगर के विशाल चौधरी, अनिल झा और निशिथ केशरी से उसके अच्छे रिश्ते हैं और दलाली के इस खेल में उन सबों की भी भूमिका है।

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भी सवाल : प्रेम प्रकाश से मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भी सवाल किया जा रहा है। उससे पूछा जा रहा है कि कितना पैसा कहां का पाया और किस-किसको कितनी हिस्सेदारी देता था। इडी के अधिकारी उससे ो लंबी पूछताछ कर रहे हैं। उसके यहां से भी निवेश के दस्तावेज मिले हैं, उस पर भी सवाल पूछे गये हैं। वह शुक्रवार को खुद के बीमार होने का बहाना भी बना रहा था।

बॉडीगार्ड से भी होगी पूछताछ : इडी ने तय किया है कि प्रेम प्रकाश को जो बॉडीगार्ड उपलब्ध कराये गये थे, उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाये और यह जानकारी ली जाये कि वह कहां जाता था। कहीं पुलिसकर्मी पैसा लेकर बाहर तो नहीं जाते थे।

लग्जरी लाइफ जीते हैं दलाल : अधिकारियों के दलाल लग्जरी लाइफ जीते हैं। इनके यहां वह सबकुछ उपलब्ध होता है, जो ऐश करने के लिए काफी है। दलाल भी विदेशों का भ्रमण करते हैं, अधिकारियों का पैसा कमाते हैं।

व्हाट्सएप चैट पढ़ कर शर्म से डूब जायेंगे आप
अधिकारियों के साथ जो व्हाट्सएप चैट हैं, उसे पढ़कर कोई भी शर्म से डूब जायेगा। अश्लीलता की सारी हदें अधिकारियों ने पार कर दी हैं, जो उसके दरबार के दरबारी हुआ करते थे। लड़कियों के साथ तस्वीर के अलावा आपत्तिजनक चैट भी इडी के हाथ लगे हैं। साथ ही, कितना पैसा किस महीने में कहां पहुंचाना है, इसकी भी बातचीत मिल गयी है।

कई नेता-अधिकारी पड़ सकते हैं परेशानी में
इडी की पूछताछ में दलालों के कबूलनामे से कई अधिकारियों और नेताओं की परेशानी बढ़ सकती है। पूछताछ के लिए ही उन्हें भी बुलाया जा सकता है। कुछ अधिकारियों को तो एक-दो दिनों में बुलाया जा सकता है।

विशाल चौधरी का व्हाट्सएप चैट रिकवर, कीमती वाहन जब्त
एक आइएएस अधिकारी के करीबी विशाल चौधरी ने छापेमारी के दिन अपने मोबाइल के चैट को रिमूव कर दिया था। उसे रिकवर कर लिया गया है। उसमें भी लेनदेन सहित आपत्तिजनक बातें मिली हैं। विशाल चौधरी से इडी फिर पूछताछ करेगी। विशाल चौधरी वह पुल है, जो सरकार और अधिकारियों के बीच मध्यस्थ का काम करता है।

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