श्रीनगर। शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में जी-20 देशों के पर्यटन कार्य समूह की तीसरी बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की चुनौतियां, चिंताएं और मानदंड वैश्विक हैं और इसका विकास भी वैश्विक होना चाहिए इसलिए मोदी जलवायु चुनौतियों को लेकर चिंतित हैं। हम 2070 तक शुद्ध शून्य लक्ष्य हासिल करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। आज जब हम श्रीनगर के दर्शनीय स्थल में मिलते हैं तो हमें यह गहरा अहसास होता है कि हम सभी वैश्विक दुनिया का हिस्सा हैं और नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल में भारत इसे लेकर बहुत सतर्क है।
मंत्री ने कहा कि श्रीनगर में जी 20 कार्यक्रम आयोजित करने का महत्व यह है कि यह हमारी पारंपरिक विरासत और अत्याधुनिक तकनीक के साथ सबसे आधुनिक बुनियादी ढांचे का एक मिश्रण है। कश्मीर में कालीन, कढ़ाई और शॉल से लेकर कारीगरी और शिल्प कौशल की एक विस्तृत श्रृंखला है। दूसरी ओर हमारे पास सबसे उन्नत अवसंरचनात्मक परियोजनाएँ हैं। हमारे पास दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है जो एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है। यह चिनाब नदी पर स्थित है जो भारत की सबसे बड़ी नदियों में से एक है। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर एशिया की सबसे लंबी द्वि-दिशात्मक सड़क सुरंग भी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी सुरंग के रूप में जाना जाता है।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यटन मंत्री जीके रेड्डी ने कहा कि वह यह देखकर खुश हैं कि पर्यटन कार्य समूह सही दिशा में प्रगति कर रहा है। मुझे यकीन है कि सभी जी2 0 सदस्यों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के संयुक्त प्रयासों के परिणामस्वरूप पर्यटन उद्योग के लिए समावेशी, कार्रवाई-उन्मुख और निर्णायक दिशानिर्देश प्राप्त होंगे। केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि देशभर में प्रतिनिधि जहां भी जाएंगे, भारतीय उन्हें परिवार की तरह मानेंगे। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि आप अपने प्रवास का आनंद लें और अपने परिवारों, दोस्तों और अपने देशों के नागरिकों के साथ बार-बार भारत लौटें।
भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि बैठक में जो भी सिफारिशें होंगी, उन्हें अंतिम नेताओं की विज्ञप्ति में एक बहुत प्रमुख स्थान मिलेगा, जो 9-10 सितंबर को नेताओं की बैठक के बाद जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है क्योंकि पर्यटन विकास और रोजगार सृजन का एक बहुत बड़ा साधन है। कांत ने कहा कि पांच प्राथमिक क्षेत्रों की पहचान की गई हरित पर्यटन, डिजिटलीकरण, कौशल विकास, पर्यटन एमएसएमई और गंतव्य प्रबंधन और पिछली बैठकों में इन पर सराहनीय प्रगति हुई है। कांत ने यह भी कहा कि श्रीनगर में कार्य समूह की बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों की संख्या सभी कार्य समूह की बैठकों में सबसे अधिक है।
भारत की जी 20 अध्यक्षता के लिए मुख्य समन्वयक हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि देश ने अब तक इसकी अध्यक्षता में 118 बैठकों की मेजबानी की है। श्रीनगर सबसे प्रतिष्ठित पर्यटन स्थलों में से एक है, हम वास्तव में यहां आकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बैठक से बड़ी संख्या में पर्यटक इस महत्वपूर्ण स्थान पर जाने के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि यह स्थानीय व्यापारियों, शिल्पकारों के लिए बहुत जरूरी खुशी लाएगा, जो पर्यटन पर निर्भर हैं।