रांची। हेमंत सोरेन और उनके परिवार के खिलाफ बयानबाजी मामले में मधुपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देने वाली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की याचिका की सुनवाई हाइकोर्ट में हुई। मामले में कोर्ट ने बाबूलाल मरांडी के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को तीन सप्ताह में प्रति शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। इससे पूर्व रामगढ़ और सिमडेगा के मामले में भी उन्हें उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगायी थी। दरअसल, आरोप है कि एक निजी यूट्यूबय चैनल ने सोशल मीडिया में बाबूलाल मरांडी की ओर से तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके परिवार के खिलाफ दिये गये साक्षात्कार को अपलोड किया था। इसके खिलाफ झामुमो के कार्यकर्ताओं ने राज्य के छह जिलों में प्राथमिकी दर्ज की थी। मामले को मधुपुर थाना में कांड संख्या 176-2023 दर्ज किया गया था। प्रार्थी की ओर से मधुपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का आग्रह किया गया है।