सिमडेगा। सिमडेगा जिला के ठेठईटांगर प्रखंड अंतर्गत जामबहार की रोपनी कुमारी, जो सीनियर भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य है, वह नौकरी लगने के बाद पहली बार अपने घर आयी है। नौकरी मिलने के बाद अपने गांव पहुंच कर रोपनी कुमारी सुबह शाम जामबहार के नन्हे मुन्ने हॉकी खिलाड़ियों को प्रशिक्षण भी दे रही है। साथ ही इन नन्हे मुन्ने हॉकी खिलाड़ियों को हॉकी बॉल, स्टिक बैग और मिठाई देकर प्रोत्साहित भी कर रही है। गरीबी की कोख से जन्मी और बचपन में ही पिता का साया खोकर विपरीत परिस्थितियों से पली बढ़ी रोपनी कुमारी ने गांव के बुजुर्गों को साड़ी और धोती देकर सम्मानित भी किया है। इसी गांव की अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी पूर्णिमा कुमारी एवं राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी अंजनी कुमारी भी ग्रीष्म अवकाश में घर आयी हैं और वे भी गांव के बच्चो को खेल के गुर सिखा रही हैं।
हॉकी सिमडेगा के अध्यक्ष मनोज कोनबेगी अहले सुबह आत्मनिर्भर हॉकी प्रशिक्षण केंद्र जामबहार में अभ्यास कर रहे इन बच्चों के खेल मैदान पहुंचे और इनका मनोबल बढ़ाया। साथ ही इनके प्रशिक्षण के लिए इनके लिए कुछ नियमावली भी बनायी, ताकि बच्चे नियमित रूप से मैदान आयें। इनका अभ्यास समाप्ति के बाद हॉकी सिमडेगा के अध्यक्ष मनोज कोणबेगी ने खिलाड़ियों, उनके अभिभावकों और ग्रामीणों के साथ एक बैठक भी की है। उन्हें कहा कि आप लोग अपने बच्चों को नियमित रूप से प्रत्येक दिन सुबह शाम प्रशिक्षण के लिए मैदान भेजे, अपने बच्चों को मोबाइल और विभिन्न कुरीतियों से दूर रखे और उन्हें खेल मैदान की आदत डाले, जिससे कि आगे चल कर आपके बच्चे भी रोपनी कुमारी और पूर्णिमा कुमारी बन सकें।
अपने गांव के बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हमेशा से तत्पर रहने वाले धनबाद में कार्यरत शिक्षक सहदेव मांझी भी अभी छुट्टियों में घर आये हुए है। उन्होंने भी कहा कि आप लोग बस बच्चों को नियमित रूप से मैदान और स्कूल भेजें। मेरा हमेशा की तरह आगे भी सहयोग रहेगा। हम लोग इनको बढ़ाने के लिए दूर रह कर भी नजर बनाये रखेंगे और आवश्यकतानुसार मार्गदर्शकों का सहयोग लेते रहेंगे। 700 से 800 जनसंख्या में और 100 से भी अधिक परिवार वाले इस गांव में रोपनी कुमारी पहली महिला है, जिसे सरकारी नौकरी मिली है।

