रांची। रांची लोकसभा क्षेत्र में 25 मई को होने वाले मतदान को देखते हुए अब भाजपा के नेताओं-कार्यकर्ताओं की निगाहें बूथ पर टिक गयी हैं। खासतौर पर बूथ और पन्ना प्रमुखों की जिम्मेदारियां बढ़ गयी है।
प्रदेश भाजपा में पूरे पांच साल बूथ-पन्ना प्रमुख और सदस्य बनाने की होड़ लगी रही। इसके तहत बड़ी संख्या में बूथ स्तरीय कमेटियों को सक्रिय किया गया। भाजपा की तरह अन्य दलों ने भी बूथ स्तर पर पार्टी पदाधिकारियों को मजबूती के साथ काम करने की हिदायत दे रखी है। सभी किसी न किसी रूप से बूथ मैनेज करने में लगे हैं, ताकि पार्टी प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित हो सके। इसके लिए प्रदेश स्तर से लेकर बूथ स्तर तक के नेताओं और आमजन को कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जा रही हैं।
इस बाबत प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि किसी भी पार्टी के लिए बूथ मैनेजमेंट करना अहम बात है। इसलिए कार्यकर्ताओं को भी स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र के बूथ पर बेहतर तरीके से काम करें, ताकि अधिक से अधिक मत भाजपा के समर्थन में आ सके।
रांची से 27 उम्मीदवार आजमा रहे किस्मत
रांची लोकसभा सीट पर 27 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। भारतीय जनता पार्टी ने यहां से सीटिंग सांसद संजय सेठ को दोबारा प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय इंडी गठबंधन की उम्मीदवार हैं। मुख्य मुकाबला इन दोनों के बीच ही माना जा रहा है।