पूर्वी सिंहभूम। साकची के आम बगान मैदान में गुरुवार की देर रात तक आयोजित’तहफ्फुज-ए-अवकाफ कॉन्फ्रेंस’ में देशभर के नेताओं ने नए वक्फ कानून को संविधान विरोधी करार देते हुए केंद्र सरकार से इसे तत्काल वापस लेने की मांग की। उन्होंने ऐलान किया कि जब तक यह कानून वापस नहीं होगा, शांतिपूर्ण प्रदर्शन और कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।
कॉन्फ्रेंस में महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य फौजिया तहसीन खान, उत्तर प्रदेश के रामपुर से सांसद मोहिबुल्लाह नदवी और बिहार के काराकाट से सांसद राजा राम सिंह कुशवाहा ने नए वक्फ कानून की जमकर आलोचना की। फौजिया तहसीन ने कहा कि वक्फ बाय यूजर और लिमिटेशन एक्ट जैसे महत्वपूर्ण प्रावधानों को हटाकर सरकार ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ की जमीनें बेची जा रही हैं और सरकार इनकी सुरक्षा के बजाय उन्हें खत्म करने में जुटी है।
राजा राम सिंह कुशवाहा ने इसे किसानों के पुराने कानूनों जैसा बताया और कहा कि जब किसान कानून वापस हो सकता है, तो यह कानून भी वापस होगा। उनकी पार्टी ने तीन मई को इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन की घोषणा की है।
मोहिबुल्लाह नदवी ने इसे अब तक का सबसे खराब कानून बताते हुए कहा कि यह मुसलमानों को हाशिए पर ले जाने की साजिश है। पूर्व सांसद कुंवर दानिश अली ने आगाह किया कि यह सिर्फ वक्फ की नहीं, सभी की लड़ाई है, क्योंकि सरकार की नजर अब जमीनों पर है। कार्यक्रम में झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायत उल्लाह खान, कासिम रसूल इलियास और सरवर चिश्ती भी मौजूद रहे। सभा संयोजक रियाज शरीफ ने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई किसी पार्टी के खिलाफ नहीं, बल्कि अल्पसंख्यकों के हक की है।