आदिवासी-मूलवासी महिलाओं को कार्यालयों में दौड़ाया जा रहा
जमशेदुपर। मंईयां सम्मान योजना में पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला प्रखंड के हेंदलजुड़ीं पंचायत में इस योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। दरअसल यहां की 174 मुस्लिम महिलाओं को मंईयां सम्मान योनजा का पैसा मिल रहा था। लेकिन जब जांच की गयी तो पता चला कि इस पंचायत में कोई मुस्लिम परिवार रहता ही नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने भी इस पर सवाल उठाते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कहा, चाकुलिया में हजारों की संख्या में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनने के बाद अब घाटशिला की यह खबर देखिए। हेंदलजुड़ी पंचायत में मंइयां सम्मान योजना के 409 लाभुकों की सूची में 174 मुस्लिम महिलाएं हैं। जबकि आठ गांवों वाले इस पंचायत के किसी भी गांव में कोई भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता।
एक ओर आदिवासी-मूलवासी समाज की महिलाओं का आवेदन किसी ना किसी बहाने से रद्द किया जा रहा है, उन्हें कार्यालयों में दौड़ाया जा रहा है। वहीं इन घुसपैठियों के सारे कागजात आसानी से बन रहे हैं। इन्हें सरकारी पैसे दिलवाने वाले और इनको संरक्षण देने वाले कौन लोग हैं? जब वहां कोई मुस्लिम परिवार ही नहीं रहता, तो इनके आवेदनों का सत्यापन किस ने किया?
अगर पूरे झारखंड में जांच हो, तो फर्जीवाड़े के ऐसे लाखों मामले मिलेंगे। क्या इन घुसपैठियों को शरण देने के लिए ही अलग झारखंड राज्य बना था?।