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    Home»Jharkhand Top News»सरना कोड आदिवासियों हक, इसे लेकर रहेंगे : के राजू
    Jharkhand Top News

    सरना कोड आदिवासियों हक, इसे लेकर रहेंगे : के राजू

    shivam kumarBy shivam kumarMay 26, 2025Updated:May 26, 2025No Comments3 Mins Read
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    रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में सोमवार को सरना धर्म कोड की मांग को लेकर राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में धरना दिया गया। रांची में धरना राजभवन के समक्ष दिया गया। धरने में राज्य के विभिन्न जिलों से काफी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता आदिवासी के पारंपरिक वेशभूषा में कांग्रेस भवन से जुलूस की शक्ल में राजभवन, पहुंचे। मुख्य अतिथि के तौर पर पार्टी के प्रदेश प्रभारी के राजू, सह प्रभारी डॉ सिरिवेल्ला प्रसाद और प्रणव झा उपस्थित थे।

    धरने को संबोधित करते हुए झारखंड प्रभारी के राजू ने कहा कि सरना धर्मकोड आदिवासियों की मौलिक हक है। इसे सुरक्षित रखने की जिम्मेवारी कांग्रेस पार्टी की है। कांग्रेस लगातार इसकी मांग कर रही है और अब सडक पर उतर कर इसकी मांग की जा रही है। उन्होंने पार्टी जल्द ही दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी धरना देकर और राष्ट्रपति से मिलकर इसे लागू कराने का आग्रह करेगी।

    सातवें कॉलम में डलवा कर रहेंगे
    के राजू ने कहा कि जिस प्रकार तीन काले कृषि कानून को निरस्त कराया गया ठीक उसी प्रकार सरना धर्म कोड भी हम सातवें कॉलम में डलवा कर रहेंगे। हम आदिवासियों की पहचान खोने नहीं देंगे।

    वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि केंद्र सरकार आदिवासियों की हक और अधिकार का हनन कर रही है। केन्द्र षड़यंत्र के तहत आदिवासियों के धार्मिक अस्तित्व को मिटाने का प्रयास कर रही है। धार्मिक आधार पर उनको पहचान नहीं देना चाहती है। वहीं एआईसीसी सचिव प्रणव झा ने कहा कि आदिवासी ही हिन्दुस्तान का मूलवासी हैं, ये प्राकृतिक के पूजक हैं, भाजपा हमेशा इनका वनवासी कहा करते हैं, शुरू से ही इनके साथ भेदभाव करती है। मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि अब वक्त आ गया है अब याचना नहीं रण हो और कांग्रेस इसके लिए पूरी तरह तैयार है। हम सरना धर्म कोड लेकर रहेंगे।

    सरना धर्मकोड हमारी पहचान : शिल्‍पी
    मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि सरना धर्मकोड हमारी पहचान है। केन्द्र की सरकार हमारे पाहन, पुजार, धर्म स्थल को महत्व नहीं देना चाहती है। हम आदिवासियों के प्रति केन्द्र की सरकार घृणा की भाव रखती है। मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि सरना धर्मकोड संवैधानिक अधिकार है और जब तक केन्द्र की सरकार सरनाधर्म कोड नहीं देती हम आंदोलन करते रहेंगे।

    सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि भारत सरकार पशुओं की गणना करती है, लेकिन धार्मिक आधार पर आदिवासियों की गणना कर पहचान नहीं देना चाहती है। धरना कार्यक्रम का संचालन पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने किया।

    धरना को सांसद कालीचरण मुंडा, विधायक राजेश कच्छप, कार्यकारी अध्यक्ष बन्धु तिर्की, विधायक डॉ रामेश्वर उरांव, विक्सल कोन्गाडी, भूषण बाड़ा, मामता देवी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, डॉ प्रदीप बलमुचू, फुरकान अंसारी, सुबोधकांत सहाय, बादल पत्रलेख, केएन त्रिपाठी, केदार पासवान, गुंजन सिंह सहित अन्या ने संबोधित किया।

    मौके पर जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दूबे, संतोष सिंह, धमेन्द्र सोनकर, प्रमोद दूबे, भागीरथ पासवान, रवि मिश्रा, चन्द्रशेखर दास, बरकातुल्ला खान, श्रीकुमार सरकार, विजय दूबे, उदय प्रकाश, शैलेन्द्र यादव, मुन्ना पासवान, पंकज तिवारी सहित अन्य मौजूद थे।

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