– एआईआईओ के चीफ इमाम ने की ऑपरेशन सिंदूर की सराहना, बोले- यह देश के लिए गर्व की बात
ग्वालियर। ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन (एआईआईओ) के चीफ इमाम डॉ उमर अहमद इलियासी ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी करते हुए कहा है कि आतंकवादियों को जनाजा की नमाज नहीं पढ़ाई जाएगी और न ही उन्हें भारत की धरती पर दफनाया जाएगा।
एआईआईओ के चीफ इमाम डॉ इलियासी शनिवार को ग्वालियर पहुंचे हैं। यहां उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि सेना ने आतंकवाद के खिलाफ सटीक और कड़ा जवाब दिया है। यह देश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि भारत ने कई आतंकवादी अड्डे खत्म कर दिए हैं और अब बाकी बचे अड्डों को भी खत्म करने का समय आ गया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसे जल्द से जल्द भारत में वापस शामिल किया जाना चाहिए।
ग्वालियर पहुंचे डॉ इलियासी ने यहां किला गेट स्थित शाही जामा मस्जिद में जुम्मे की नमाज अदा की। इस मौके पर उन्होंने मुस्लिम धर्म के युवा और बुजुर्गों को संबोधित करते हुए आतंक और आतंकवादियों से जुड़े फतवे का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अगर कोई आतंकवादी भारत में मारा जाता है तो उसकी जनाजे की नमाज नहीं पढ़ाई जाएगी। उसके कब्र के लिए भारत की जमीन नहीं दी जाएगी। दूसरा फतवा आतंकी संगठनों के नाम को लेकर जारी हुआ।
चीफ इमाम ने कहा कि “लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद” जैसे आतंकी संगठनों ने मोहम्मद साहब के नाम सहित इस्लाम के नाम पर संगठन बनाये हुए हैं। अब फतवा जारी करके ऐलान किया गया है कि वह मोहम्मद और इस्लाम जैसे शब्द अपने संगठनों के नाम हटा दें। वे आतंकवादी संगठन हैं तो वह आतंकवादी नाम रखें। इस्लाम बचाने, इस्लाम सलामती शांति का मजहब है। इस्लाम के नाम को और मोहम्मद साहब के नाम को हम इस्तेमाल नहीं होने देंगे।
उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ। वहां मासूम टूरिस्टों की निर्मम हत्या की गई थी। सबसे दुखद बात थी कि मजहब और नाम पूछ कर यह हत्या की गई। आतंकवादी का कोई मजहब नहीं होता है। आतंकवादी सिर्फ शैतान होता है, इसलिए हमने 27 अप्रैल को ही एक फतवा जारी किया है। यह पूरी दुनिया में पहला फतवा है, जिसे ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम होने के नाते उनके द्वारा जारी किया गया है।
डॉ इलियासी ने ऑपरेशन सिंदूर सहित अन्य मामलों पर विपक्ष द्वारा हाल ही में खड़े किए सवालों पर कहा कि जो लोग आज मुखालफत और सियासत कर रहे हैं, उनको चीफ इमाम होने के नाते मेरा संदेश है कि यह समय किसी तरह का सवाल उठाने का समय नहीं है। यह सहयोग करने का समय है। आतंकवाद के विरोध में जंग है। यह किसी पार्टी या देश के नहीं, आतंकवाद के खिलाफ जंग है। भारत इसके लिए लड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकल्प लिया है कि जब तक आतंकवाद को खत्म नहीं कर दिया जाएगा, तब वे शांत नहीं बैठेंगे। जिस तरह से आतंकवादी अड्डों को उड़ा दिया गया। मसूद अजहर चिल्ला रहा है कि मेरे परिवार को मार दिया। इससे बड़ा और सबूत क्या हो सकता है। विपक्ष को समझना चाहिए कि एक होकर मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करना चाहिए, न कि सवाल करना चाहिए।
उन्होंने इस दौरान बलूचिस्तान में हो रहे अत्याचारों का जिक्र करते हुए कहा कि वहां महिलाओं, बच्चों और पुरुषों पर अत्याचार हो रहा है, जो पूरी तरह से गलत है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हर व्यक्ति को अपनी आजादी का हक है और बलूचिस्तान को भी स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। उन्होंने आतंकवादी संगठनों द्वारा इस्लाम धर्म के नाम पर किए जा रहे गलत प्रचार पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस्लाम शांति, प्रेम और सहिष्णुता का धर्म है, न कि आतंकवाद का। मध्य प्रदेश में बढ़ रहे लव जिहाद के मामलों पर उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में कुछ लोग नाम और पहचान छिपाकर शादी करते हैं, जो गलत है।