नई दिल्ली: पूरी दुनिया को अपने आतंक के डंक से डसने वाले खतरनाक आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने एक बार फिर से साफ कर दिया है कि आतंक और आतंकवाद का कोई धर्म या मजहब नहीं होता।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने मोसुल की अल-नूरी मस्जिद और प्रसिद्ध मीनार को विस्फोट से उड़ा दिया है। इस मस्जिद का निर्माण 1172 में शुरू हुआ था।
हालांकि आतंकी संगठन का दावा है कि मस्जिद पर हमला अमेरिकी लड़ाकू विमान ने किया है। लेकिन अमेरिका ने इससे साफ तौर पर इनकार कर दिय है। इस मस्जिद में आईएस नेता अबू बकर अल बगदादी 2014 में पहली बार लोगों के सामने पेश हुआ था।
इस खबर की जानकारी अमेरिका और इराक के हवाले से दी गई है। आपको बता दें कि सीरिया के मोसुल स्थित इसी मशहूर मस्जिद से ISIS के सरगना अबु बक्र अल बगदादी ने चार जुलाई 2014 को ‘खिलाफत’ का ऐलान किया था, अगर सीधे शब्दों में कहे तो इसी जगह पर आतंकी संगठन ISIS का जन्म हुआ था।