आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से आज सुबह पांच बजकर 29 मिनट पर 30 सह-उपग्रहों के साथ कार्टोसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह के प्रक्षेपण की 28 घंटों की उल्टी गिनती शुरू हो गयी।
इस क्रम में धरती के अवलोकन के लिये प्रक्षेपित किये जा रहे 712 किलोग्राम वजनी कार्टोसैट-2 श्रृंखला के इस उपग्रह के साथ करीब 243 किलोग्राम वजनी 30 अन्य सह उपग्रहों को भी एक साथ प्रक्षेपित किया जायेगा।
कल यह उपग्रह 505 किलोमीटर ध्रुवीय सूर्य स्थैतिक कक्षा :एसएसओ: में पहुंचने के लिये सुबह नौ बजकर 20 मिनट पर उड़ान शुरू करेगा।
पीएसएलवी-सी38 के साथ भेजे जा रहे इन सभी उपग्रहों का कुल वजन करीब 955 किलोग्राम है।
साथ भेजे जा रहे इन उपग्रहों में भारत के अलावा ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चिली, चेक गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, स्लोवाकिया, ब्रिटेन और अमेरिका समेत 14 देशों के 29 नैनो उपग्रह शामिल हैं।
पीएसएलवी-सी38 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के फर्सट लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया जायेगा।
अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि एंट्रिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड, इसरो की व्यावसायिक शाखा और अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के बीच व्यावसायिक व्यवस्थाओं के तहत 29 अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता नैनो उपग्रहों को प्रक्षेपित किया जा रहा है।
इसरो के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने चेन्नई हवाईअड्डा पर संवाददाताओं को बताया कि प्रक्षेपण के लिये सभी गतिविधियां जारी हैं।
उन्होंने 19 जून को मंगलयान अभियान के 1000 दिन पूरे होने पर बधाई दी।
इसरो ने बताया कि ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी का यह 40वां सफर होगा। स्ट्रैप-ऑन मोटर्स के इस्तेमाल के साथ के तौर पर पीएसएलवी की 17वीं उड़ान होगी।