नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला आदित्य-एल1 को पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर अपनी अंतिम गंतव्य कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है।
शनिवार को लगभग 4 बजे अंतरिक्ष यान को पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज बिंदु 1 (एल 1) में स्थापित कर दिया गया। एल1 बिंदु पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुल दूरी का लगभग एक प्रतिशत है।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को ट्वीट करते हुए कहा कि मून वॉक से लेकर सन डांस तक भारत के लिए यह साल कितना शानदार रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में टीम इसरो ने एक और सफलता की कहानी लिखी है। सूर्य-पृथ्वी कनेक्शन के रहस्यों की खोज के लिए अपनी अंतिम कक्षा में पहुंच गया है।