उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे पर भटवाड़ी के समीप हेल्कूगाड़ में रविवार शाम को स्थानीय यात्रियों से भरी जीप भागीरथी नदी में गिर गई थी। वाहन और उसमें सवार यात्रियों का करीब 20 घंटे बाद भी कुछ पता नहीं चल सका है। सवाल उठ रहे हैं कि भागीरथी नदी में गिरी यात्रियों से भरी जीप आखिर कहां समा गई। उधर, क्षेत्र में तेज बारिश के कारण सर्च ऑपरेशन प्रभावित हो रहा है।
हादसे के बाद से जीप में सवार सभी 12 यात्री लापता हैं। शनिवार शाम को पौन छह बजे हादसे के बाद रात दस बजे तक नदी में सर्च ऑपरेशन चलता रहा। इसके बाद रात में इसे रोक दिया गया। सोमवार सुबह छह बजे फिर नदी के किनारे घटनास्थल से मनेरी तक करीब 35 किमी के दायरे में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, पुलिस, फॉयर ब्रिगेड की कई टीमों ने सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। एडीएम पीएल शाह, एसडीएम सौरभ असवाल, एसपी ददनपाल समेत पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे।
उधर, प्रशासन की कार्यप्रणाली से नाराज अठाली गांव के लोगों ने गंगोत्री हाईवे पर जाम लगा दिया। करीब पौने घंटे ग्रामीण सड़क पर धरना देते रहे। इसके बाद मौके पर पहुंचे प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें समझाया। प्रशासन के आश्वासन पर ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ। एसपी ददनपाल ने बताया कि नदी में कई बार रस्सी और जाल फेंककर गाड़ी का पता लगाने की कोशिश की गई है, लेकिन बहाव तेल होने के कारण दिक्कत आ रही है। बीआरओ की क्रेन की मदद से नदी में गाड़ी को तलाशा जा रहा है। इसके अलावा एक क्रेन उत्तरकाशी से भी मंगाई गई है। तेज बारिश के कारण सर्च ऑपरेशन रोकना पड़ा है।
तेज बहाव के चलते नहीं उतर सके गोताखोर
जहां हादसा हुआ है, वो घाटीनुमा जगह है। भागीरथी नदी यहां शंकरे ढाल में बहती है। इससे नदी की गहराई ज्यादा होने के साथ-साथ तेज बहाव है। वहीं कई खतरनाक रपटे भी बने हैं। सुबह गोताखारों को नदी में उतारने की तैयारी थी, लेकिन हालात देखते हुए उन्हें रोक दिया गया। प्रशासन को गोताखारों के साथ अनहोनी का भय था।
20 किमी दूरी पर मिली गाड़ी की स्टेफनी
अग्नी शमन अधिकारी ने बताया कि नदी में घटनास्थल से 20 किमी की दूरी पर एक स्टेफनी मिली है। उन्होंने आंदेश जताया कि यह दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी की है। हालांकि यह कनफर्म नहीं हो पा रहा है। यह स्टेफनी उसी गाड़ी की है या किसी और की।
अठाली गांव में उल्लास की जगह पसरा मातम
अठाली गांव के लोग देवता के आदेश पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा पर निकले थे। रविवार रात्रि को गांव वालों को गंगोत्री में गंगा आरती
में शामिल होना था। गंगा आरती को लेकर लोगों में भारी उल्लास था। लेकिन इससे पहले ही हेल्कूगाड़ में हुए हादसे से गांव वालों का उल्लास मातम में बदल गया।
गांव के इष्टदेवता ने दिया था यात्रा का आदेश
ग्रामीणों के अनुसार गांव के नागराजा देवता ने ग्रामीणों को गंगा दशहरा पर गंगा स्नान का आदेश दिया था। गांव के लोग 24 वाहनों से शनिवार को यमुनोत्री धाम के लिए निकले थे। शनिवार को यमुनोत्री दर्शन के बाद रविवार सुबह छह बजे गांव वाले गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुए। उत्तरकाशी में कुछ देर रकने के बाद ग्रामीण गंगा आरती में शामिल होने के लिए गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुए। ग्रामीणों को गंगा आरती के बाद गंगोत्री में ही रुकना था, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। भटवाड़ी से 6 किमी आगे हेल्कूगाड़ में काफिले में चल रही एक जीप अनियंत्रित होकर भागीरथी में समा गई।