नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी से सस्पेंड और दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उन्हीं के हथियारों से घेरने की रणनीति अपनाई है। इसके लिए उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी मंच ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ ”आईएसी” और ‘जनमत संग्रह’ को हथियार बनाया है।

आईएसी वही मंच है जिसके जरिए केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को घेरते हुए आंदोलन से राजनीति में कदम रखा और सत्ता में आने के बाद दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के मामले में जनमत संग्रह कराने को कहा था। आम आदमी पार्टी से आईएसी का नाता टूटने के बाद संगठन लगभम निष्क्रिय हो गया था, लेकिन अब कपिल मिश्रा ने केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने के लिये आईएसी के मंच को दोबारा ने खड़ा कर दिया है। कपिल मिश्रा ने कहा है कि वह इस आंदोलन की शुरूआत आईएसी के मंच से केजरीवाल के भ्रष्टाचार को सामने लाकर करेंगे।

इंडिया अगेंस्ट करप्शन के मंच से कपिल मिश्रा ने कहा कि, केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचारों के खिलाफ अब तक 15 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और उन्होंने तो भ्रष्टाचार के मामले में तो लालू यादव की रिकार्ड भी तोड़ दिया। केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के मंच का दुरूपयोग करके सत्ता तक का सफर तय किया है। मिश्रा ने बताया कि कुमार विश्वास ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ 16 हजार पन्नों का सबूत दस्तावेज के रूप में भेजा है और कहा है कि तीन दिन में इसका जवाब देंगे।

कपिल मिश्रा ने बताया कि पिछले दिनों चलाए गए मिस काल अभियान में 1 लाख 25 हजार लोग जुड़े थे और अब इस समर्थन को सड़कों पर ले जाना हैं और दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों में रैली करेंगे। कपिल मिश्रा और आईएसी के पुराने नेताओं ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ आंदोलन और तेज कर दिया है।

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