रांची: उलगुलान के नाम पर शुक्रवार को एक वर्ग विशेष के लोगों ने राजधानी में जम कर उत्पात मचाया। ढाई हजार लोगों के समूह ने चार घंटे तक शहर की सड़कों पर कब्जा जमा कर दहशत फैलायी। इस दौरान मुट्ठी भर जहां-तहां खड़ी पुलिस बेबस नजर आयी। उन्मादी भीड़ पारंपरिक हथियारों से लैस थी। इनके पास फरसा, तलवार, चाकू, कुल्हाड़ी, हॉकी स्टीक और भुजाली समेत कई घातक हथियार थे। सरकार विरोधी नारेबाजी के साथ उन्मादी भीड़ निर्दोष को पीटते, वाहनों के शीशे चकनाचूर करते और बैनर-पोस्टर को फाड़ते मोरहाबादी की ओर चली जा रही थी। जिस रास्ते से वे निकले वहां खौफ का आलम दिखा।
भीड़ जिधर से निकल रही थी, दुकानों के शटर धड़ाधड़ गिर रहे थे। बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देने के बाद बिरसा चौक से निकली भीड़ उन्माद फैलाती रही। भगवान बिरसा मुंडा को भी नहीं बख्शा। शहीदों को भी अपमानित किया। बिरसा मुंडा समेत तमाम शहीदों के पोस्टर फाड़ डाले। भाजपा प्रदेश कार्यालय को निशाना बनाया। पत्थरबाजी की। यहां तक कि गुरुवार को जहां मोदी फेस्ट हुआ था, वहां भी उन्मादी भीड़ ने तोड़फोड़ की। इस उन्मादी भीड़ को देख कर लोगों ने कहा-यह आंदोलन नहीं, हिंसा है। ऐसे लोग कभी आंदोलनकारी नहीं हो सकते।

एसएसपी आवास के सामने लहराये हथियार
मोरहाबादी में एसएसपी आवास के पास भीड़ में शामिल लोगों ने करीब 15 मिनट तक हथियार लहराये और नारे लगाये। शहर में जहां-तहां ये भीड़ उत्पात मचाती रही। इस क्रम में इन लोगों ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाये और ।

आंदोलन के लिए जुटे, काटा बवाल एलडी अलफोंस कर रहे थे नेतृत्व
बिरसा उलगुलान मंच खूंटी के बैनर तले सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन और स्थानीय नीति को रद्द करने, पेशा कानून को लागू करने और पांचवीं अनुसूची की धारा 244 (1) को लागू करने की मांग को लेकर हजारों लोग मोरहाबादी मैदान में जमे थे। इनमें महिलाओं और युवाओं की संख्या ज्यादा थी। इससे पहले प्रदर्शनकारी बिरसा चौक तक विभिन्न गाड़ियों से पहुंचे थे। वहां से कई टुकड़ियों में बंटकर शहर के विभिन्न मार्गों से होते उत्पात मचाते मोरहाबादी मैदान पहुंचे।

भीड़ का नेतृत्व एलडी अलफोंस नाम का शख्स बिरसा चौक से मोरहाबादी तक करता रहा। मोरहाबादी मैदान पहुंचने पर एलडी अलफोंस ने राज्य सरकार के खिलाफ खूब आग उगली। कहा कि रघुवर सरकार आदिवासियों को दबाना, कुचलना और बांटना चहती है, लेकिन यहां के आदिवासी-मूलवासी न जान देंगे न जमीन देंगे। उलगुलान मंच की संयोजक मंडली की निर्मला एक्का, ग्लैंडशन डुंगडुंग, दुर्गावती ओड़या, प्रेमचंद मुर्मू, रतन मुंडा, अजय कंडुलना, फेलिक्स तांबा, प्रवीण महतो, बाबूलाल मुंडा और रतन मुंडा ने सरकार पर निशाना साधा।

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