वाशिंगटन: उत्तर कोरिया द्वारा रिहा किए गए अमेरिकी विश्वविद्यालय के एक छात्र ओट्टो वार्मबियर की सोमवार को मौत हो गई। उसे करीब एक सप्ताह पहले रिहा किया गया था। ओट्टो के माता-पिता फ्रेड ओर सिंडी वार्मबियर ने एक बयान में कहा, हमें बताते हुए बेहद दुख हो रहा है कि हमारे बेटे ओट्टो वॉर्मबियर का निधन हो गया है। ओट्टो की अपने परिवार के सदस्यों के बीच स्थानीय समयानुसार मध्यरात्रि 2.20 बजे मौत हो गई।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, वार्मबियर के माता-पिता ने सिनसिनाती मेडिकल सेंटर यूनिवर्सिटी के ‘शानदार पेशेवरों’ को धन्यवाद दिया और अपने बेटे के साथ किए गए दुर्व्यवहार के लिए उत्तर कोरिया की निंदा की।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओट्टो वार्मबियर के परिवार के प्रति सांत्वना व्यक्त करते हुए उत्तर कोरिया की ‘बर्बरता’ की निंदा की।

ट्रंप ने कहा, ओट्टो के साथ जो हुआ, उससे भविष्य में ऐसे देशों के द्वारा निर्दोष लोगों के साथ होने वाली त्रासदियों को रोकने में मेरे प्रशासन की प्रतिबद्धता और गहरी हुई है, जो कानून और बुनियादी मानवीय मूल्यों का सम्मान नहीं करते।

वार्मबियर के माता-पिता ने अमेरिकी मीडिया को बताया कि उसे कोमा की हालत में उत्तर कोरिया से रिहा किया गया।

उत्तर कोरिया ने सरकारी न्यूज एजेंसी कोरियन सेंट्रल द्वारा जारी एक रिपोर्ट में उसकी रिहाई की पुष्टि करते हुए कहा था कि उसे ‘मानवीय आधार पर’ रिहा किया जा रहा है।

अमेरिकी मीडिया के अनुसार, उत्तर कोरिया के सर्वोच्च न्यायालय ने वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के 22 वर्षीय छात्र को 16 मार्च, 2016 को 15 वर्ष सश्रम कारावास की सजा दी थी, जिसके बाद कुछ समय बाद ही वह ‘बोटुलिज्म’ के कारण कोमा में चला गया था।

उत्तर कोरिया प्रशासन ने वार्मबियर को जनवरी 2016 में एक होटल से प्रचार पोस्टर चुराने के प्रयास के आरोप में उस समय गिरफ्तार कर लिया था जब वह प्योंगयांग अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से घर लौट रहा था।

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