Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Tuesday, May 20
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Top Story»मोदी की लीडरशिप और भारत की इकोनॉमी की तारीफ की
    Top Story

    मोदी की लीडरशिप और भारत की इकोनॉमी की तारीफ की

    आजाद सिपाहीBy आजाद सिपाहीJune 27, 2017No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    वॉशिंगटन: ह्वाइट हाउस के रोज गार्डन में अपनी पहली मुलाकात में नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच अच्छी केमिस्ट्री नजर आयी। ट्रंप ने कहा कि वे मोदी को सैल्यूट करते हैं। वे ग्रेट प्राइम मिनिस्टर हैं। ट्रंप ने मोदी की लीडरशिप, भारत की इकोनॉमी और भारत-अमेरिका रिश्तों की भी तारीफ की। भारत की दुनिया की तेजी से बढ़ रही इकोनॉमी है। कई सेक्टर्स में भारत काफी अच्छा कर रहा है। इसके लिए मैं उन्हें बधाई देना चाहूंगा। किसी और देश की तुलना में भारत की इकोनॉमी में ज्यादा ग्रोथ है।
    ट्रंप ने कहा, भारत और अमेरिका के बीच कभी इतनी अच्छी और मजबूत रिलेशनशिप नहीं रही, जितनी आज है। हम तकरीबन हर बात पर रजामंद हैं। मोदी-ट्रंप की पहली मुलाकात में काफी गर्मजोशी नजर आयी। पाकिस्तान, आतंकवाद, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा का जिक्र तो हुआ ही, उम्मीद से इतर डी-कंपनी यानी दाऊद इब्राहिम का भी नाम आया।

    डिफेंस रिलेशन में ट्रंप इंट्रेस्टेड नजर आये
    मोदी के दौरे से ठीक पहले भारत को 22 गार्जियन ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी गयी। अमेरिका के एफ-16 फाइटर प्लेन भारत में बनाने के लिए एग्रिमेंट भी साइन हुआ। यह साबित करता है कि ट्रंप भारत के साथ डिफेंस रिलेशन बेहतर बनाये रखने में इंट्रेस्टेड हैं। वैसे भी अमेरिका में ह्वाइट हाउस से वहां का डिफेंस हेडक्वार्टर पेंटागन ज्यादा पावरफुल है। अमेरिका की इकोनॉमी डिफेंस बिजनेस पर ही ज्यादा डिपेंड है।

    भारत को रीजनल पावर से ऊपर रखा
    दोनों नेताओं की मुलाकात को प्रोटोकॉल के नजरिये से देखें, तो यह काफी अच्छी रही। ह्वाइट हाउस के बाहर मोदी को रिसीव करने खुद ट्रंप पत्नी मेलानिया के साथ आये। ट्रंप की गर्मजोशी दिखाती है कि उन्होंने भारत को एक रीजनल पावर से ऊपर रखा। जैसा कि 20 जून को पेंटागन की ओर से जारी रिपोर्ट में भी कहा गया था कि अमेरिका को भारत को रीजनल नहीं, ग्लोबल पावर मानना चाहिए।

    सलाहुद्दीन को आतंकी डिक्लेयर किया
    हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाहुद्दीन को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करना भारत के लिए कामयाबी है। सलाहुद्दीन पाकिस्तान और उसकी ओर से फैलाये जा रहे आतंकवाद का एक हिस्सा है। यह कामयाबी तब बड़ी हो जायेगी, जब अमेरिका पाकिस्तान और उसकी ओर से पाले जा रहे आतंकवाद का कंप्रेहेंसिव (समग्र) खात्मे का भरोसा दिलाये।

    आतंकवाद का जिक्र हुआ, कोई वादा नहीं
    अमूमन अमेरिका भारत-पाक दोनों तरफ रहता है, लेकिन इस बार ज्वाइंट स्टेटमेंट में पाकिस्तान, आतंकवाद, मुंबई के 26/11 और पठानकोट अटैक, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और डी-कंपनी का जिक्र हुआ। भारत को ट्रंप की तरफ से इसे एक अच्छा संकेत और स्ट्रेटजिक जीत माननी चाहिए, क्योंकि आमतौर हम भी पाकिस्तान का नाम लेने से बचते हैं। हालांकि ट्रंप ने आतंकवाद पर भारत के साथ मिल कर कोई पुख्ता स्ट्रैटजी पर काम करने का वादा नहीं किया।

    टेक्नोलॉजी में अच्छा बिजनेस होने की उम्मीद
    ट्रंप को एरोगेंट माना जाता है। जनवरी में खबरें आयी थीं कि उन्होंने शरणार्थियों के मुद्दे पर आॅस्ट्रेलियाई पीएम मैलकम टर्नबुल से बात करते-करते गुस्से में अचानक उनका फोन काट दिया था, लेकिन मोदी के साथ वो काफी सहज नजर आये। हकीकत में देखा जाये तो ट्रंप एक सुलझे बिजनेसमैन हैं। वो जानते हैं कि मोदी के साथ टेक्नोलॉजी और डिफेंस में अच्छा बिजनेस हो सकता है। सच पूछो तो भारत को अमेरिका की जितनी जरूरत है, अमेरिका को उससे कहीं ज्यादा भारत की जरूरत है। दोनों की मुलाकात में यह रिफ्लेक्ट हो रहा था।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleबढ़ेगा रेल किराया, पीएमओ से मिली हरी झंडी
    Next Article हेग में पीएम मोदी: पासपोर्ट का रंग बदलने से खून के रिश्ते नहीं बदलते
    आजाद सिपाही
    • Website
    • Facebook

    Related Posts

    शराब घोटाले मामले में आइएएस विनय चौबे से एसीबी की टीम कर रही पूछताछ

    May 20, 2025

    इजराइल ने सात दिन में हमास के 670 अधिक ठिकानों को बनाया निशाना

    May 20, 2025

    डोनाल्ड ट्रंप के बदलावों से अमेरिकी जीवन का हर पहलू प्रभावित

    May 20, 2025
    Add A Comment

    Comments are closed.

    Recent Posts
    • आईबी प्रमुख तपन कुमार डेका का कार्यकाल एक साल बढ़ा
    • कर्नल सोफिया पर मप्र के मंत्री विजय शाह के विवादित बयान मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन
    • कासगंज में सीएम योगी ने 724 करोड़ की परियोजनाओं का किया लोकार्पण व शिलान्यास
    • प्रधानमंत्री ने परमाणु वैज्ञानिक श्रीनिवासन के निधन पर जताया शोक
    • परमाणु वैज्ञानिक एमआर श्रीनिवासन का निधन
    Read ePaper

    City Edition

    Follow up on twitter
    Tweets by azad_sipahi
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Go to mobile version