रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने निर्देश दिया कि वनभूमि का अतिक्रमण करने वाले भू-माफिया के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाये। वह मंगलवार को झारखंड वन उपज सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। समिति ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि वनभूमि पर आश्रित रैयतों के निर्दिष्ट वन उपज काष्ठ का 2016 के निर्धारित क्रय मूल्य से 7 प्रतिशत की वृद्धि की जाये। इस निर्णय से झारखंड वन उपज अधिनियम 1984 की धारा 6 के अंतर्गत निर्दिष्ट 8 प्रजाति के वृक्ष साल, सागवान, बीजा साग, गम्हार, आसन, करम, सलई एवं खैर के प्रकाष्ठ यथा चिरान लकड़ी, गोल लकडी, पोल, केसिंग पोस्ट, जलावन, खैर आदि की बिक्री ग्रामीण रैयतों द्वारा सरकार को किये जाने से उन्हें सीधा लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन का अर्थ केवल वृक्ष ही नहीं बल्कि संपूर्ण वन जीवन है। अत: वृक्ष के साथ वन के जीव जंतु और वन पर आश्रित रहने वाले हमारे ग्रामीणों का हित भी महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन पर आश्रित रैयतों के हितों को देखते हुए पिछले वर्ष की तुलना में क्रय मूल्यों में 7 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है।
वनों की घेराबंदी की जाये
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह समिति वनोत्पाद के समुचित कीमत निर्धारण में भूमिका निभाने के साथ-साथ वन्य जीवन से संबद्ध अन्य महत्वपूर्ण सुझाव भी सामने रखे। समिति के सदस्यों के सुझावों पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वनभूमि की घेराबंदी भी की जानी चाहिए, जिससे वन का सम्यक विकास हो सके। समिति के सदस्यों ने गढ़वा के नगर उंटारी तथा बगोदर के तेलिया प्रखंड के कुछ ऐसे रैयत, जिनकी भूमि सर्वे में राजस्व की जगह वन भूमि के रूप में भूलवश चिह्नित हो गयी है, में सुधार का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने वन और राजस्व विभाग को ऐसे मामलों को चिह्नित कर जांच करते हुए तथा परस्पर समन्वय बनाते हुए और रैयतों के हितों को प्राथमिकता देते हुए आवश्यक सुधार करने का निदेश दिया।
बैठक में समिति के अध्यक्ष मुख्यमंत्री सह वन मंत्री रघुवर दास, उपाध्यक्ष विद्युतवरण महतो, सांसद, एवं सदस्यों में विधायक जयप्रकाश सिंह भोक्ता, विधायक नगेंद्र महतो, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आरआर हेंब्रम, अपर मुख्य वन संरक्षक सह प्रबंध निदेशक झारखंड राज्य वन विकास निगम लिमिटेड डॉ एसएस गुप्ता, पश्चिमी सिंहभूम के तापेश्वर प्रसाद, गढ़वा के मुकेश कुमार सिन्हा, रांची के सिमोन उरांव उपस्थित थे।