यूको बैंक का गठन करने वाले घनश्याम दास बिरला के पोते यशोवर्धन (यश) बिरला को यूको बैंक ने ही विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। यश बिरला ने बैंक से 67 करोड़ रुपये का लोन लिया था जिसे वह चुकाने में विफल रहे, जिस कारण यूकों बैंक ने यश को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया।
यशोवर्धन बिरला की कंपनी द्वारा लिये गये 67 करोड़ रुपये लोन के इस अमाउंट को बैंक ने साल 2013 में ही एनपीए घोषित किया था। अब यशोवर्धन जिस भी  कंपनी के डायरेक्टर रहेंगे उस कंपनी को यूको बैंक की तरफ से लोन नहीं मिलेगा।

घनश्याम दास बिरला के भाई  के परपोते हैं यशोवर्धन

आप इसे विडंबना ही कहेंगे, कि जिस बैंक का गठन यश बिरला के परदादा घनश्याम दास बिरला ने किया था आज उसी बैंक ने यश को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया। घनश्याम दास बिरला के भाई रामेश्वर बिरला, यशोवर्धन बिरला के पापा अशोक बिरला के दादा थे। यश बिरला को मात्र 23 साल की उम्र में अपने परिवार का बिजनेस तब संभालना  पड़ा था जब उसके पिता की मृत्यु एक वायु दुर्घटना में बेंगलुरु में हो गई थी। ग्रुप सलाहकारों के बल पर कई सालों तक चलता रहा और बाद में यश ने कमान संभाली|

क्या होता है विलफुल डिफॉल्टर ?
बता दें कि बैंक के द्वारा किसी व्यक्ति को जब ‘विलफुल डिफॉल्टर’ घोषित किया जाता है तो इसका मतलब होता है कि वह व्यक्ति लोन चुकाने में असमर्थ है। संपत्ति रहने के बावजूद या फंड को डायवर्ट करना या बैंक को बिना बताये संपत्ति बेचने वालों को भी  बैंक विलफुल डिफॉल्टर घोषित करती है।

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