मुंबई। पश्चिम रेलवे की पार्सल एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ-साथ मालगाड़ियों द्वारा देश के विभिन्न भागों में अत्यावश्यक वस्तुओं का परिवहन लगातार जारी है। COVID19 के मद्देनजर, जब परिवहन के अन्य साधन प्रतिबंधित हैं, तब पश्चिम रेलवे अपनी विभिन्न ट्रेनों के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में दूध, दवाओं और अन्य आवश्यक उत्पादों की आपूर्ति बखूबी सुनिश्चित कर रही है। इसके द्वारा छोटे पार्सल आकारों में चिकित्सा उपकरणों और खाद्यान्नों जैसी आवश्यक वस्तुओं का परिवहन भी बखूबी किया जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान पश्चिम रेलवे ने 260 पार्सल विशेष और 37 मिल्क स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी रविन्द्र भाकर के अनुसार 23 मार्च से 3 जून, 2020 तक लगभग 49 हजार टन वजन वाली वस्तुओं को अपनी विभिन्न पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से पश्चिम रेलवे द्वारा ले जाया गया है, जिनमें कृषि उत्पादन, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के जरिए होने वाली कमाई लगभग 15.52 करोड़ रुपये रही है। पश्चिम रेलवे द्वारा सैंतीस मिल्क स्पेशल रेल गाड़ियां चलाई गईं, जिनमें 27 हजार टन से अधिक भार था और वैगनों के 100% उपयोग से लगभग 4.71 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न हुआ। इसी तरह 19 हजार टन के भार वाली 260 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके लिए अर्जित राजस्व 9.74 करोड़ रुपये था। इनके अलावा, 2378 टन वजन वाले 5 इंडेंटेड रेक भी 100% उपयोग के साथ चलाए गए, जिनसे 1.07 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ।
भाकर ने बताया कि 5 पार्सल विशेष ट्रेनें 4 जून, 2020 को देश के विभिन्न हिस्सों के लिए पश्चिम रेलवे से रवाना हुईं, जिनमें बांद्रा टर्मिनस – ओखा, ओखा- बांद्रा टर्मिनस, करम्बेली- न्यू गुवाहाटी, पोरबंदर- शालीमार और ओखा- गुवाहाटी शामिल हैं। इनके अलावा दूध की एक रेक पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए रवाना हुई। उल्लेखनीय है कि पश्चिम रेलवे ने पार्सल बुकिंग से सम्बंधित किसी भी सहायता के लिए पश्चिम रेलवे के वाणिज्यिक कर्मचारियों द्वारा 24×7 संचालित एक हेल्पलाइन नम्बर 9004490982 उपलब्ध कराया है। इसी उद्देश्य के लिए एक ईमेल आईडी भी बनाई गई है, जिसका पता cmicccg@gmail.com रखा गया है। भाकर ने बताया कि 22 मार्च से 3 जून, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा मालगाड़ियों के कुल 5377 रेकों का इस्तेमाल 10.55 मिलियन टन की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है। 10,566 मालगाड़ियों को अन्य क्षेत्रीय रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 5319 ट्रेनें सौंपी गईं और 5247 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर लिया गया। पार्सल वैन/रेलवे दुग्ध टैंकरों (आरएमटी) के 303 मिलेनियम पार्सल रेकों को आवश्यक वस्तुओं जैसे दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं की मांगों के अनुसार आपूर्ति करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया है।
लॉकडाउन के कारण नुकसान और रिफंड अदायगी : भाकर ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के फलस्वरूप घोषित लॉकडाउन के कारण पश्चिम रेलवे पर आय का कुल नुकसान 1163 करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 164.23 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 999.06 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है। इसके बावजूद अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के कारण पश्चिम रेलवे ने 306.31 करोड़ रु. के रिफंड की राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। यह भी उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई डिवीजन ने 144.17 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 46.91 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी रिफंड राशि प्राप्त की है।
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