मुंबई। कोरोना वायरस के मद्देनजर घोषित इस लॉकडाउन अवधि में, पश्चिम रेलवे देश के विभिन्न हिस्सों में अत्यावश्यक सामग्री के परिवहन की जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही है। जरूरत की इस घड़ी में, चिकित्सा उपकरण, दवाएं, खाद्य पदार्थ, अमूल उत्पाद, दूध, फेस मास्क, सैनिटाइजर आदि सामग्री का परिवहन पश्चिम रेलवे की विशेष पार्सल ट्रेनों के माध्यम से निरंतर किया जा रहा है। इसी क्रम में 20 जून, 2020 को पश्चिम रेलवे से दो और पार्सल विशेष ट्रेनें रवाना हुईं, जिनमें बांद्रा टर्मिनस से लुधियाना के लिए चली पार्सल विशेष ट्रेन और पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए चली दूध की एक रेक शामिल हैं। पश्चिम रेलवे ने अपनी 348 पार्सल स्पेशल ट्रेनों के जरिये विभिन्न अत्यावश्यक वस्तुओं की 60 हजार टन लोडिंग के बड़े आंकड़े को पार कर लिया है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी रविन्द्र भाकर के अनुसार 23 मार्च से 19 जून, 2020 तक अपनी 348 पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से 60 हजार टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा ले जाया गया है, जिनमें कृषि उपज, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के ज़रिये होने वाली आमदनी लगभग 19.43 करोड़ रुपये रही है। इस अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा 45 मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें 33 हजार टन से अधिक का भार था और वैगनों के 100% उपयोग से लगभग 5.78 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी तरह, 24 हजार टन से अधिक भार वाली 298 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके लिए अर्जित राजस्व 12.58 करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा, 2378 टन के साथ 5 इंडेंटेड रेक भी 100% उपयोग के साथ चलाए गए, जिनसे 1.07 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ।
उन्होंने बताया कि 22 मार्च से 19 जून, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान, मालगाड़ियों के कुल 6824 रेकों का उपयोग 13.95 मिलियन टन की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है। 13,518 मालवाहक ट्रेनों को अन्य जोनल रेलों के साथ जोड़ा गया है, जिनमें 6,775 ट्रेनों को सौंपा गया और 6,743 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकरों (आरएमटी) के 348 मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गए।
लॉकडाउन के कारण नुकसान और रिफंड अदायगी : भाकर ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर यात्री कमाई का कुल नुकसान1387 करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 199.43 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 1187.70 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 353.37 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 166.07 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक 54.13 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी रिफंड राशि प्राप्त की है।