कोलकाता। बंगाल जन संवाद रैली के जरिए इंटरनेट से बंगाल के निवासियों को संबोधित करते हुए अमित शाह ने 2021 के विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया है। उन्होंने राज्य वासियों से बंगाल में भाजपा की सरकार बनाने की अपील करते हुए कहा,” मैं करोड़ों बंगालवासियों से कहना चाहता हूं कि आपने कम्युनिस्ट और तृणमूल दोनों को आजमाया है। एक मौका भाजपा को दीजिए। हमारी पांच साल की सरकार के बाद बंगाल में भ्रष्टाचार, तोलाबाजी, घुसपैठ, परिवारवाद, बेरोजगारी, आतंक और हिंसा समाप्त हो जाएगी।”
शाह ने कहा कि जिस बंगाल में रविन्द्र संगीत की धुन सुनाई देती थी, वो बंगाल आज बम धमाकों से दहल रहा है। गोलियों की आवाज, हत्याओं और लोगों की चीखों से सन्न रह गया है। कौमी दंगों से इसकी आत्मा को बहुत बड़ी क्षति पहुंची है। शाह ने दुष्यंत कुमार की कविता से बंगाल में परिवर्तन का आह्वान करते हुए कहा, “बंगाल परिवर्तन भाजपा ही कर सकती है। पांच साल के भाजपा सरकार के बाद हिंसा समाप्त हो जायेगी। टोल टैक्स समाप्त हो जाएगा। परिवारवाद समाप्त हो जाएगा। जीत की काउंटिंग शुरू होते ही बम धमाके वाले नहीं रहेंगे।”
कविता पाठ करते हुए अमित शाह ने कहा, “हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए। आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी शर्त थी लेकिन ये बुनियाद हिलनी चाहिए। हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में हरियाली होनी चाहिए। सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए। मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।”
दूसरे राज्यों में अपनी सरकार की बेहतरी का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि बिहार बीमारू राज्य माना जाता था, लेकिन बिहार के साथ-साथ राजस्थान और उत्तर प्रदेश विकास के रास्ते पर चल पड़ा है। जहां-जहां भाजपा का राज हआ है, वहां विकास हुआ है।
ममता ने प्रवासी मजदूरों के जख्मों पर मला नमक:
अमित शाह ने ममता बनर्जी पर प्रवासी मजदूरों के दुखों को और बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि ममताजी ने प्रवासी मजदूर की ट्रेनों को कोरोना एक्सप्रेस नाम दिया। हमने उसे श्रमिक ट्रेन का नाम दिया था। ममताजी ने कोरोना एक्सप्रेस कहकर मजदूरों के जख्मों पर नमक रगड़ दिया। आपने बंगाली श्रमिकों को अपमान किया है। यही कोरोना एक्सप्रेस बंगाल के बाहर पहुंचाने के लिए तृणमूल के लिए गेट वे बन जायेगी। आपको एग्जिट करेगी।
उन्होंने कहा कि सर्वधर्म का उदाहरण बंगाल को दिया जाता था। आज तुष्टिकरण की राजनीति सुनायी देती थी। भ्रष्टाचार, राजनीतिक हिंसा, सिंडिकेट आदि से तृणमूल ने वाममोर्चा को पीछे छोड़ दिया है। ममताजी आप परिवर्तन को नहीं रोक सकती हैं। 100 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। ममताजी, हिंसा का कीचड़ जितना फैलाओगी, भाजपा का कमल खिलेगा। हिंसा से डरने वाले हम लोग नहीं हैं। आप हमें रोक नहीं सकती। आप हमें दबा नहीं सकती और कितना भ्रष्टाचार! भ्रष्टाचार की सीमा ही नहीं है यहां। अम्फन और कोरोना में भी भ्रष्टाचार करोगे, तो बंगाल की जनता माफ नहीं करेगी। अमित शाह ने कहा कि जैसे ही बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी, यहां शपथ के साथ ही आयुष्मान भारत योजना को लागू किया जाएगा।
एनडीए ने बंगाल को दी है यूपीए से अधिक मदद:
अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि बंगाल को केंद्र सरकार ने अभी तक 3.84 लाख मैट्रिक टन राशन दिया है। जो करीब 8000 करोड़ रुपये का है। उन्होंने कहा कि प्रवासी नागरिकों को वापस लौटाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को 1700 ट्रेन दी गईं। बिहार सरकार को 1500 जबकि बंगाल सरकार ने श्रमिकों के उसी ट्रेन को कोरोना एक्सप्रेस नाम दे दिया। प्रवासी मजदूर अपना यह अपमान कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने कहा कि 13वें वित्त आयोग के दौरान मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार ने बंगाल को केवल 1.32 लाख करोड़ रुपये 5 साल में दिए थे, जबकि नरेन्द्र मोदी सरकार ने 4.48 लाख करोड़ रुपये दिए हैं, ताकि राज्य का विकास हो सके।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस धनराशि का हिसाब मांगते हुए अमित शाह ने कहा कि ममता बताएं कि इस रुपये को कहां किस तरह से खर्च किया गया? क्यों उन्होंने इस पूरी राशि को अपनी पार्टी के सिंडिकेट में भ्रष्टाचार के जरिए गबन कर लिया? अगर बंगाल में विकास चाहिए तो भाजपा को सत्ता में लाना ही होगा।
दूसरे दिन किसानों के खाते में भेज दिए जाएंगे रुपये:
अमित शाह ने इस दौरान केंद्र सरकार की एक और महत्वाकांक्षी योजना किसान सम्मान निधि को बंगाल में लागू करने की मांग करते हुए कहा कि ममता सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना को रोक रखा है। इससे बंगाल के किसान केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली आर्थिक मदद से वंचित हो रहे हैं। जिस दिन सरकार इसे लागू कर किसानों की सूची भेजेगी, उसके ठीक दूसरे दिन हर एक किसान के खाते में 6000 रुपये भेज दिए जाएंगे। ममता बनर्जी आखिरकार बताएं कि वह राज्य के किसानों को केंद्र की इस आर्थिक मदद से क्यों वंचित रख रही हैं?