सुनील कुमार
लातेहार। सीसीएल की आम्रपाली कोयला परियोजना में 30 लाख टन कोयला के स्टॉक में आग सुलग रही है। फिर भी सीसीएल उत्पादन नहीं रोक रहा है। सीसीएल के अधिकारी वाहवाही लूटने के फेर में सरकार को भारी नुकसान में डाल रहे हैं। प्रतिदिन होने वाले 40 हजार मीट्रिक टन उत्पादन में महज 20 से 25 हजार मीट्रिक टन कोयला डिस्पैच हो रहा है। बताया जा रहा है कि इस प्रोडक्शन के खेल से जुड़े अधिकारी अपनी उपलब्धि दर्ज करा कर इंसेंटिव लूट रहे हैं, जबकि डिस्पैच नहीं होने से कोयले में लगी आग दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है। इस आग को बुझाने में सीसीएल के अधिकारी कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं, अलबत्ता प्रोडक्शन में नंबर वन साबित होने की होड़ में बगैर डिस्पैच के प्रोडक्शन किया जा रहा है। प्रोडक्शन की बनिस्पत डिस्पैच कम होने से आम्रपाली से जुड़े कई लोगों और संस्थाओं में संशय की स्थिति बनी हुई है। बताया जा रहा है कि प्रतिदिन सरकार को लाखों रुपये की क्षति उठानी पड़ रही है। कोयले के जल जाने के कारण राष्ट्रीय संपत्ति के नुकसान के लिए कौन जिम्मेवार है, यह पता लगाने में प्रशासन एवं राज्य के आला अधिकारी पिछले कई दिनों से जुटे हुए हैं, लेकिन इसका कोई रिजल्ट दिखायी नहीं पड़ रहा है।