नई दिल्ली : लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों के साथ जो धोखा किया, उसके बाद भारत ने सख्त रुख अपना लिया है. 15 जून की रात जब भारतीय सैनिकों का दस्ता चीन के सैनिकों से बात करने जा रहा था, तब उनकी तरफ से धोखा किया गया और भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया. इस हमले में भारत के 20 जवान शहीद हुए और इस बीते एक हफ्ते में अब भारत की ओर से कई कड़े फैसले लिए गए हैं. जो चीन को जवाब देने के लिए काफी हैं.
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पिछले कई वर्षों से जारी है, ऐसे में दोनों देशों के बीच समझौता है कि विकट परिस्थितियों में भी बॉर्डर पर हथियार का इस्तेमाल नहीं होगा. कोई भी सैनिक गोली नहीं चलाएगा, लेकिन गलवान की घटना में चीनी सैनिकों ने इसका उल्लंघन कर दिया.
चीनी सैनिकों ने नुकीले हथियारों से भारतीय जवानों पर हमला किया, लेकिन भारत के सैनिकों ने प्रोटोकॉल का पालन किया. इसपर कई तरह के सवाल उठने के बाद अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से सेना को खुली छूट है.
सूत्रों की मानें, तो सरकार ने कहा है कि अगर बात सैनिकों की जान पर आ जाती है और जान को खतरा होता है तो सेल्फ डिफेंस में कदम उठाएं और प्रोटोकॉल की चिंता ना करें.
सेना को मिली इमरजेंसी फंड की मंजूरी
गलवान घाटी में तनाव के बाद से ही भारत की तीनों सेनाएं सतर्क हैं. लद्दाख के पास लगातार थल सेना को भेजा जा रहा है, बॉर्डर और आसपास के इलाकों में तैनाती बढ़ाई जा रही है. साथ ही वायुसेना ने भी लेह एयरबेस पर अपने पैर जमा लिए हैं.
इस बीच सरकार की ओर से सेना को इमरजेंसी फंड दिया गया है. इसके तहत 500 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, साथ ही सेना को अब ये छूट है कि जरूरत के लिए वह किसी भी हथियार की खरीदारी तुरंत कर सकते हैं. ऐसे में किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सरकार ने सेना का साथ दिया है.