अहमदाबाद । गुजरात में राज्यसभा चुनाव में बाजी मारने के लिए जोड़-तोड़ का खेल चल रहा है। राज्य में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीआई) के दो वोट निर्णायक की भूमिका में हैं। दोनों वोटों पर भाजपा और कांग्रेस अपनी नजर गड़ाए हुए हैं। लेकिन भाजपा को संदेह है कि बीटीआई का वोट कांग्रेस को जाएगा। कांग्रेस के पक्ष में एक निर्दलीय और एक राकांपा का वोट भी जा सकता है। फिर भी भाजपा को अपनी तीनों सीटें जीतने की उम्मीद है।
गुजरात में राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के तीन विधायकों के इस्तीफे से भाजपा ने तीन सीटों को जीतने के लिए अपना दावा मजबूत कर लिया है। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की घोषणा के बाद चुनाव एक बार फिर दिलचस्प हो गया है। क्योंकि एनसीपी विधायक को पार्टी ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने का आदेश दिया है। वर्तमान में विधायकों की संख्या 172 है और भाजपा के पास 103 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 65 विधायक हैं। जबकि एनसीपी और निर्दलीय 1-1 और बीटीपी के दो सदस्य वसावा परिवार से हैं। अब तक दोनों दलों को एक सीट जीतने के लिए 35 विधायकों के वोटों की जरूरत होगी। अगर एनसीपी विधायक को पार्टी के व्हिप का पालन करना पड़ता है, तो ऐसे संकेत मिलते हैं कि पूरा खेल गड़बड़ा जाएगा। कांग्रेस को पार्टी की दो सीटें जीतने के लिए 70 प्रत्यक्ष मतों की आवश्यकता है। उसके वर्तमान 65 विधायक के अलावा निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी और राकांपा विधायक का समर्थन मिलता है तो संख्या होगी 67। ऐेसे में एक बार फिर भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो वोट महत्वपूर्ण होंगे।
सूत्रों के अनुसार, विधानसभा अध्यक्ष अंत में फैसला करेंगे। लेकिन अब भाजपा ने अपने पहले उम्मीदवार के लिए वोट तय कर दिये हैं और वही विधायक अपना दूसरा मत दूसरे उम्मीदवार को देंगे। संकेत मिल रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी भी यही करेगी।
इस बार राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने भरत सिंह सोलंकी और शक्ति सिंह गोहिल को उम्मीदवार बनाया है। जबकि भाजपा ने अभय भारद्वाज, रमिला बारा और नरहरी अमिन को उम्मीदवार बनाया है। राज्य की चार सीटों पर कांग्रेस की एक और भाजपा की तीन सीटों पर जीत निश्चित मानी जा रही है। लेकिन यदि क्रास वोटिंग का खेल हुआ तो परिणाम बदल भी सकते हैं।