नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले को लेकर कांग्रेस ने योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरते हुए कहा कि इस पूरी साजिश में एक बेचारी बेरोजगार महिला को फंसाया जा रहा है। इस मामले की सुप्रीम कोर्ट के जज से न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए। इसमें सिर्फ भर्ती घोटालों को ही नहीं बल्कि वेतन वितरण की प्रणाली को शामिल किया जाना चाहिए।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के शिक्षा जगत और सत्ता के गलियारे में पिछले कई दिनों से अनामिका शुक्ला मामले को लेकर राजनीति तेज है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अनामिका शुक्ला मामले में योगी सरकार पर निशाना साधते हुए पीड़िता से माफी मांगे जाने की बात कही है। ऐसे में जरूरी है कि राज्य सरकार बेवजह लोगों को प्रताड़ित करने के बजाय उनके साथ न्याय होने का भरोसा दिलाते हुए उन्हें मुआवजा दे।
राजीव शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की मांग है कि उप्र सरकार अनामिका शुक्ला के घर जाकर माफी मांगें और उन्हें मानहानि का मुआवजा दे। इतना ही नहीं अनामिका के लिए सरकारी नौकरी तथा उनके परिवार की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब अनामिका शुक्ला के नाम पर ये सब चल रहा था तो उसे कुछ पता नहीं था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और उनके शिक्षा विभाग की नाक के नीचे चल रही लूट की व्यवस्था ने एक साधारण महिला को अपना शिकार बनाया। ये चौपट राज की हद है। अनामिका शुक्ला को न्याय मिलना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि उप्र में युवाओं के लिए की गई तमाम घोषणाएं कोरी साबित हुई हैं। एक तरफ एक बेरोजगार महिला के नाम पर 25 फर्जी शिक्षकों की भर्ती हुई है और पूरे मामले में महिला को ही फंसाया जाता है, वहीं नकल गिरोह के जरिए शिक्षक भर्ती में अयोग्य लोग एंट्री ले रहे हैं। जबकि एमए, बीएससी, बीएड किए लोग मनरेगा में काम करने को मजबूर हैं। आखिर ये किस प्रकार की व्यवस्था है कि योग्य लोगों को उनका हक नहीं मिल पा रहा। योगी सरकार को इस विषय पर विचार करना चाहिए और युवाओं को निष्पक्ष तौर पर बेहतर प्लेटफॉर्म मुहैया कराना चाहिए।