आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ(जेटीवीवीएस) ने अनलॉक-1 के दौरान कपड़ा व्यवसाय को संचालन की अनुमति देने का आग्रह करते हुए ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम को पत्र सौंपा है। इसमें सुझाव देते हुए संघ ने कहा है कि कपड़ा व्यवसाय से करीब 15 लाख लोगों को रोजगार-स्वरोजगार प्राप्त होता है। लॉक डाउन में कपड़ा व्यवसाय बंद होने से व्यापारियों सहित इससे जुड़े कारीगर प्रभावित हो रहे हैं। झारखंड से सटे राज्यों में कपड़ा व्यवसाय शुरू हो गया है, ऐसे में झारखंड के कपड़ा व्यवसायी दूसरे राज्यों में कपड़ा का व्यवसाय स्थापित करेंगे। जिससे कपड़ा व्यवसाय का एक बढ़ा हिस्सा दूसरे राज्यों को स्थायी रूप से मिल जायेगा। इससे झारखंड में कपड़ा व्यवसाय को एक बड़ी क्षति होगी। लॉक डाउन के कारण ईद, विवाह सहित अन्य मौके पर कपड़ा व्यवसाय बंद रहने से व्यवसायियों को नुकसान वहन करना पड़ रहा है। गर्मी में उपयोग में लाये जाने वाले कपड़ों का सीजन समाप्त हो रहा है। मानसून के सीजन में उपयोग होने वाले समान की बिक्री का अब समय है, ऐसे में इस व्यापार को संचालन की अनुमति दी जाये। कपड़ा व्यापार को राज्य में आॅड इवेन या वैकल्पिक कार्यदिवस में संचालन की अनुमति दी जा सकती है। सुरक्षा के तौर पर व्यवसायियों ने यह निश्चय किया है कि इस दौरान दुकान में ग्राहकों के लिए ट्रायल रूम बंद रहेंगे एवं बिक्री हुए कपड़ों की वापसी की सुविधा नहीं दी जायेगी।