उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि मोदी 2.0 के पहले एक साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में सरकार ने कई ऐतिहासिक फैसले लिये। देश के रक्षा क्षेत्र को मजबूत किया। अनुच्छेद 370 और 35 ए को खत्म कर नया इतिहास लिखा। तत्काल तीन तलाक को खत्म कर मुस्लिम बहनों को बड़ी राहत दी। नागरिकता संशोधन कानून को मंजूरी दी गई। राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया गया। कारपोरेट टैक्स और आयकर में रियायत दी गईं। सामाजिक सुरक्षा के दायरे को बढ़ाते हुए छोटे दुकानदारों के लिए पेंशन योजना की शुरुआत की गई। हर घर जल हर घर नल योजना पर समयबद्ध तरीके से काम चल रहा है। एक देश एक राशन कार्ड योजना लागू की गई है।
स्काइप के माध्यम से मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सही समय पर लिए गए सही निर्णय से भारत में कोरोना वायरस से उतना नुकसान नहीं हुआ जैसी कि आशंका जताई जा रही थी। लाॅकडाउन से संक्रमण की दर को नियंत्रित किया गया। बेहतर व्यवस्था से कोरोना संक्रमण मामलों में मृत्यु दर भारत में 2.9 प्रतिशत रही, जबकि वैश्विक मृत्यु दर इससे कहीं अधिक है। अस्पतालों में पीपीई किट, टैस्टिंग किट, आईसीयू, वेंटिलेटर आदि की पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है। देश में आज लगभग 4.5 लाख पीपीई किट का रोजाना उत्पादन हो रहा है। सेनेटाइजेशन, मास्क, शारीरिक दूरी को लेकर लोग जागरूक हुए हैं। इस दौरान आम जन को राहत पहुंचाने की पूरी कोशिश की गई है। उज्ज्वला लाभार्थियों को मुफ्त गैस सिलेंडर उपलब्ध कराए गए हैं।
8 करोड़ लोगों को 5 किलो चावल या गेहूं और 1 किलो दाल तीन माह तक नि:शुल्क दी जा रही है। देश के करीब 9 करोड़ किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2-2 हजार रुपये डाले गए। करीब 3 करोड़ वृद्ध, विधवा, विकलांग जनों को 3 माह की पेंशन एडवांस दी गई। लगभग 40 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों के खाते में डीबीटी से पैसा भेजा गया। दो करोड़ से अधिक श्रमिकों को आर्थिक मदद मुहैया करवाई गई।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज प्रदान किया जिससे आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। इस पैकेज द्वारा मजदूरों, किसानों और गांवों को मजबूती मिलेगी। इसमें एमएसएमई सेक्टर को भी बूस्ट करने के लिए बहुत से महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। इसका फायदा राज्य के एमएसएमई क्षेत्र को भी मिलेगा। मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त आंवटन करने से गांवों रोजगार के अवसर बड़ी संख्या में उपलब्ध होंगे। इससे विशेष तौर अपने गांव लौटे प्रवासी श्रमिकों को काम मिलेगा। कर्मचारियों को राहत देते हुए अब अगले तीन माह तक पीएफ में अंशदान का भुगतान सरकार करेगी, जिसपर 2500 करोड़ का खर्च आएगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सार्वजनिक व्यय को बढ़ाने से स्वास्थ्यगत ढांचा मजूबत होगा। हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों में सुविधाएं बढेंगी। जिला और ब्लाॅक स्तर पर संक्रामक रोग अस्पताल और पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना से हेल्थ सिस्टम का गांवों तक विस्तार होगा। राज्यों के लिए उधार की सीमा को जीएसडीपी के 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किया गया है। इससे राज्यों को वित्तीय संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार ने किसानों के हित में 14 फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी की है। किसानों के उत्पादों की मार्केटिंग के लिए व्यवस्था की गई है। लाॅकडाउन के दौरान भी किसान काम करते रहें, इसके लिए केंद्र सरकार ने उनकी हर जरूरत का ध्यान रखा। लाॅकडाउन में पीएम किसान फंड में 18700 करोड़ और पीएम फसल बीमा के लाभार्थियों को 6400 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। पीएम मत्स्य सम्पदा योजना में 20 हजार करोड़ का प्रावधान है। कृषि का आधारभूत ढांचा बनाने के लिए 1 लाख करोड़ की योजना लाई गई है। 3 करोड़ छोटे व सीमांत किसानों को लाभ देने के लिए 30 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।