सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में केरल के दो मछुआरों को अपराधी समझ कर मार देने वाले इटली के दो नौसैनिकों पर भारत में चल रहे मुकदमे को बंद करने का आदेश दिया है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।

कोर्ट ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्युनल के अवार्ड के मुताबिक भारत सरकार दस करोड़ रुपये के मुआवजे पर सहमत हो गई और इटली सरकार ने कोर्ट की रजिस्ट्री में वो रकम जमा भी करा दी है। कोर्ट ने मछुआरों के परिजनों को मिले मुआवजे पर संतोष जताया। ऐसे में अब इस केस को बंद करने की जरूरत है। कोर्ट ने आदेश दिया कि सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के पास जमा दस करोड़ रुपये केरल हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में ट्रांसफर कर दिए जाएं। इस दस करोड़ में से चार-चार करोड़ रुपये दोनों मछुआरों के परिवार को और दो करोड़ रुपये उस नाव के मालिक को दिए जाएं, जिन पर मछुआरों को गोली मारी गई थी।

सुनवाई के दौरान पिछले 11 जून को केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए दस करोड़ रुपये सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कर दिए गए हैं। मेहता ने कहा था कि मुआवजे के बंटवारे पर फैसला करना केरल सरकार पर निर्भर है। इटली सरकार के वकील का कहना था कि अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल की ओर से अवार्ड घोषित किए जाने के बाद दिल्ली की एक अदालत के समक्ष इटली के नौसैनिकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामले को भी बंद कर  दिया जाना चाहिए। मेहता ने कहा था कि ट्रिब्युनल ने कहा था कि इटली सरकार के पास नौसैनिकों के खिलाफ मुकदमा चलाने का अधिकार सुरक्षित है।

सुनवाई के दौरान केरल सरकार के वकील ने कहा था कि जब तक इस अदालत ने हस्तक्षेप नहीं किया था तब तक पीड़ितों के पास कुछ भी नहीं था। घटना के बाद राज्य में बहुत आक्रोश था। हालांकि वे अब संतुष्ट थे। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया था कि धन को केरल हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया जा सकता है और हाईकोर्ट पीड़ितों को दी जाने वाली राशि के वितरण के पहलू की निगरानी कर सकता है।

केंद्र सरकार ने 3 जुलाई, 2020 को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वो लंबित मामला बंद कर दे। केंद्र ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल ने कहा है कि भारत को इटली से हर्जाना वसूलने का हक है लेकिन नौसैनिकों पर मुकदमा इटली में चलेगा। 

इटली के दोनों मरीन पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2012 में भारतीय समुद्री सीमा में केरल के मछुआरों को गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में इन मरीन्स का कहना था कि उन्होंने मछुआरों को समुद्री डाकू समझकर गोली चलाई थी।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version