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    Home»Top Story»पांचों राज्यों में बढ़ा वन क्षेत्र : 6 राज्यों ने 7, 605 Cr खर्च कर 136 करोड़ पौधे लगाए
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    पांचों राज्यों में बढ़ा वन क्षेत्र : 6 राज्यों ने 7, 605 Cr खर्च कर 136 करोड़ पौधे लगाए

    bhanu priyaBy bhanu priyaJune 24, 2021No Comments3 Mins Read
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    आजाद सिपाही 

    राजस्थान-मप्र में हरियाली का स्तर घटा, इसे बढ़ाने के लिए राज्यों ने पौधों को बचाने के उपाय शुरू किए
    पाैधे लगाने से हरियाली बढ़ जाए, यह जरूरी नहीं। साल 2015 से 2020 तक 6 राज्याें ने 7605.26 कराेड़ रुपए खर्च कर 136.77 कराेड़ पाैधे लगाए, लेकिन हरियाली यानी ग्रीन कवर सिर्फ चार राज्याें में ही बढ़ा। ये हैं- महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड। जबकि राजस्थान और मप्र में हरियाली का स्तर घटा है। हालांकि, राहत की बात यह है कि इन सभी राज्य में वन क्षेत्र बढ़ा है।

    साल 2020 तक देश में वृक्षाें की संख्या 3,518 कराेड़ थी। यानी प्रति वर्ग किमी में 11,109 पेड़ हैं। इस तरह प्रति व्यक्ति के हिसाब से देश में मात्र 28 पेड़ ही हैं। अच्छी बात यह है कि इन 6 राज्यों ने पौधों के पेड़ बनने के उपाय लागू कर दिए हैं, जिससे आने वाले समय में यहां वन क्षेत्र बढ़ सकता है।

    छत्तीसगढ़ ने पिछले पांच साल में 9.66 कराेड़ पाैधे लगाए। यहां 63.57 वर्ग किमी फॉरेस्ट कवर बढ़ा है जबकि राजस्थान में 2255.21 वर्ग किमी में 1.5 करोड़ पौधे लगाने के बावजूद वनों के बाहर ग्रीन कवर 152 वर्ग किमी घटा है। मध्यप्रदेश में 1 जनवरी 2015 से पांच फरवरी 2019 तक की अवधि में 12 हजार 785 हैक्टेयर वन भूमि को दूसरे कामों के उपयोग के लिए दे दी गई।

    भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक 2005 के मुकाबले 2019 में मप्र का वन क्षेत्र यानी फॉरेस्ट कवर 1,469 वर्ग किमी बढ़ गया। इस समय मप्र के कुल क्षेत्रफल का 25 फीसदी फॉरेस्ट कवर है। महाराष्ट्र में ग्रीन कवर 95.56 वर्ग किमी बढ़ा है।

    प्लांटेेशन मैनेजमेंट से हर पौधे के पेड़ बनने तक की डिजिटल जानकारी रखी जाती है

    महाराष्ट्र में प्लांटेशन मैनेजमेंट इन्फाॅर्मेशन सिस्टम (पीएमआईएस) लागू किया गया है। इसके तहत पौधा लगाने से लेकर उसके पेड़ के रूप में खड़े होने तक हर स्टेप की डिजिटल जानकारी रखी जाती है। इस सिस्टम को कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया-2020 अवाॅर्ड तथा डिजिटल फाॅरेस्ट गर्वनेंस के लिए अर्थकेअर अवाॅर्ड मिला है। केंद्र सरकार के एग्रो फाॅरेस्ट्री मैनेजमेंट ने भी इसकी सराहना की है। हरियाणा और झारखंड ने भी इस योजना को अपने राज्य में लागू करने को लेकर दिलचस्पी दिखाई है।

    मप्र में 9,483 ग्राम वन समितियां बचाती हैं पौधे
    मप्र में बिगड़े वनों को सुधारने के लिए 9,483 ग्राम वन समितियां बनी हुई हैं। राज्य सरकार पौधरोपण के बाद उन्हें बचाने में इनकी मदद लेती है, साथ ही पौधे भी लगवाती है। इसकी एवज में उन्हें पूरा वनोपज मिलता है। पिछले वित्तीय वर्ष में ही 7.31 करोड़ रुपए के बांस, बल्ली और जलाऊ लकड़ियां उन्हें दी गईं। इस सिस्टम के चलते ही राज्य में वनक्षेत्र का दायरा बढ़ा है।

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