पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को मात देने के बाद अब ममता बनर्जी की नजर त्रिपुरा पर है जहां पर वह भाजपा का खेल बिगाड़ने की तैयारी में हैं। जिस तरह से बंगाल चुनाव में टीएमसी का ‘खेला होबे’ गाना हिट हुआ था उसी तर्ज पर पार्टी ने त्रिपुरा के लिए ‘खेला होबे त्रिपुराय’ गाना रिलीज कर दिया है। त्रिपुरा में ममता को इसलिए संभावनाएं दिख रही हैं, क्योकि पिछले कुछ महीनों से वहां पर भाजपा के अंदर गुटबाजी बढ़ गई है और कई नेताओं में असंतोष बढ़ा है। उसी का फायदा उठाने के लिए ममता भाजपा के कई नेताओं को अपने पाले में लाने की तैयारी कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार हालही में भाजपा से टीएमसी आए मुकुल रॉय को त्रिपुरा की जिम्मेदारी दी जा सकती है। अगर दीदी इस कार्य में सफल होती हैं तो बंगाल के बाद त्रिपुरा में भी भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है।

दरअसल पश्चिम बंगाल में जीत के बाद ममता बनर्जी राष्ट्रीय राजनीति में आगे आना चाह रही है और इससे यह बात साफ हो गई है। कुछ दिन पहले अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि टीएमसी अब राष्ट्रीय राजनीति में पूरी तैयारी के साथ उतर रही है और राष्ट्रीय राजनीति में किसी सीट को जीतना उनका लक्ष्य नहीं है, बल्कि प्रदेश को जीतना उनका उद्देश्य है। कैसे आगे बढ़ना है इसके लिए एक महीने में ब्लू प्रिंट भी तैयार हो जाएगा। इस योजना के अंतर्गत पहला अभियान त्रिपुरा है। टीएमसी एक बार फिर ‘खेला होबे’ के तर्ज पर राजनीतिक गतिविधियों की शुरुआत करने जा रही है।

चर्चाएं है कि मुकुल रॉय त्रिपुरा में भाजपा के विधायक सुदीप रॉय बर्मन से बात-चीत कर रहे हैं। बता दें कि भाजपा के विधायक सुदीप रॉय बर्मन इससे पहले टीएमसी में थे और उससे भी पहले कांग्रेस में। त्रिपुरा में टीएमसी को आगे बढ़ाने में सुदीप रॉय का बड़ा हाथ रहा है, लेकिव वह टीएमसी से भाजपा जाने के बाद त्रिपुरा में टीएमसी का अस्तित्व समाप्त सा हो गया था।

टीएमसी की कोशिश है की यदि सुदीप और उनके साथ कुछ विधायकों को तोड़ दिया जाए तो 2023 में होने त्रिपुरा में होने वाले चुनावों में टीएमसी अच्छी पहल कर सकती है। हालांकि इस बारे में चर्चाएं नहीं हो रही हैं।

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