राजधानी दिल्ली में करीब 50 दिनों बाद बंद बाजार खुल गए। सरकार की घोषणा के मुताबिक ‘ऑड-ईवन’ फॉर्मूला के तहत बाजार और दुकानें खुलीं। कारोबारियों का कहना है कि दिल्ली में ऑड-ईवन फॉर्मूले के आधार पर दुकानें तो खुलीं। लेकिन, अधिकांश बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। क्योंकि, व्यापारी दुकानों की सफाई के कार्यों में ज्यादा व्यस्त रहे। कोरोना संक्रमण के भय से बाजारों से ग्राहक नदारद हैं।

 

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि एक अप्रैल से 31 मई, 2021 तक दो महीनों के दौरान दिल्ली के व्यापार को लगभग 40 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हुआ है। यह दिल्ली के व्यापार और व्यापारियों के लिए बहुत बड़ा धक्का है। इसलिए सरकार व्यपारियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराए।
खंडेलवाल ने कहा कि ऑड-ईवन फॉर्मूला को दिल्ली के व्यापारियों ने पहले ही नकार दिया है। इसकी वजह से दिल्ली में कारोबार सुगम होने के बजाय और अधिक जटिल हो गया है। उन्होंने कहा कि इसकी जगह दिल्ली सरकार को विभिन्न तरह के बाजारों के खुलने और बंद होने के अलग-अलग समय निर्धारित करना चाहिए। इससे जहां बाजार खोलने एवं ग्राहकों में उत्पन्न भ्रम की स्तिथि दूर होगी। वहीं, दिल्ली सरकार को भी ज्यादा रेवेन्यू मिलेगा।

 

दिल्ली के प्रमुख थोक बाजारों में चांदनी चौक, खारी बावली, नया बाजार, कश्मीरी गेट, चावड़ी बाजार,सदर बाजार, करोल बाग़, पहाड़गंज, गांधी नगर आदि शामिल है। यहां के रिटेल बाजार कनॉट प्लेस, करोल बाग का कुछ हिस्सा, खान मार्केट, लाजपत नगर, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, अशोक विहार, कमला नगर, शालीमार बाग़, पीतमपुरा, रोहिणी, राजौरी गार्डन, लक्ष्मी नगर, प्रीत विहार, जगतपुरी, शाहदरा एवं कृष्णा नगर आदि है। वहां ऑड-ईवन फॉर्मूला के आधार पर दुकानें तो खुलीं लेकिन ग्राहक न के बराबर थे।
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