विश्व बैंक ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच भारत को 500 मिलियन (3600 करोड़ रुपये) से ज्यादा के कार्यक्रम को मंजूरी दी है। इस राशि का इस्तेमाल सूक्ष्म, छोटे और मध्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को हुए नुकसान से उबारने के लिए किया जाएगा। विश्व बैंक ने इससे पहले जुलाई, 2020 में 750 मिलियन डॉलर की वित्तीय मदद की थी।
इससे पहले केंद्र सरकार ने 30 मई, 2021 को अपनी 3 लाख करोड़ रुपये की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) को तीन महीने बढ़ाने का ऐलान किया था। इस स्कीम को 30 जून से बढ़ाकर 30 सितंबर, 2021 कर दिया गया, जब तक 3 लाख करोड़ रुपये की राशि जारी नहीं हो जाता है।
वित्त मंत्रालय ने भी अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लीनिक, मेडिकल कॉलेजों को ऑन-साइट ऑक्सीजन प्लांट को स्थापित करने के लिए 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर 100 फीसदी गारंटी का भी ऐलान किया था, जिसमें ब्याज दर की सीमा 7.5 फीसदी रखी गई है। इससे पहले आरबीआई ने भी एमएसएमई के लिए लोन री-स्ट्रक्चरिंग की सीमा 25 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये कर दी थी।