भारत ब्रिक्स देशों के राजनेताओं की 13वीं शिखर वार्ता की सितंबर महीने में मेजबानी करेगा। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह वर्चुअल माध्यम से होगी या फिर चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और रूस के शीर्ष नेता भारत आएंगे।
इससे पहले मंगलवार को ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित हुई जिसमें कोरोना महामारी का मिलकर मुकाबला करने तथा विश्व संस्थाओं में सुधार लाने पर जोर दिया गया।
भारत की मेजबानी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सपन्न इस बैठक में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, चीन के विदेश मंत्री वांग यी, दक्षिण अफ्रीका की विदेश मंत्री नालेडी मैंडिसा पैंडोर और ब्राजील के विदेश मंत्री कार्लोस अल्बर्टो फ्रैंको ने भाग लिया।
सभी को मिले सस्ती वैक्सीन
बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में कोरोना वैक्सीन की सस्ते मूल्य पर उपलब्धता सुनिश्चित करने और संयुक्त राष्ट्र व उसकी संस्थाओं में सुधार कर उन्हें और प्रतिनिधित्व मूलक बनाने पर जोर दिया गया।
बौद्धिक संपदा कानून में ढील देने की मांग का समर्थन
ब्रिक्स नेताओं ने विश्व व्यापार संगठन में भारत और दक्षिण अफ्रीका की ओर से की गई इस पहल का समर्थन किया कि कोविड-19 को बौद्धिक संपदा कानून से थोड़े समय के लिए अलग रखा जाए। साथ ही जन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक चिकित्सा सामग्री और उपकरणों के संबंध में भी बौद्धिक संपदा कानूनों को लचीला बनाने की आवश्यकता है। ब्रिक्स नेताओं ने वैक्सीन आपूर्ति से संबंधित प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण विभिन्न, देशों की उत्पादन क्षमता में विकास तथा आपूर्ति श्रृंखला को कारगर बनाए रखने आवश्यकता पर भी बल दिया गया।
वैक्सीन पर ब्रिक्स अनुसंधान विकास केंद्र पर सहमति
कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करते हुए विदेश मंत्रियों ने ब्रिक्स वैक्सीन अनुसंधान एवं विकास केंद्र की स्थापना और यथाशीघ्र इसके संचालन की बात कही।
आतंकवाद पर परिणाम दायक योजना पर जोर
आतंकवाद की चुनौती के संबंध में संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की जानी चाहिए। कहीं भी किसी भी रूप में की जाने वाली आतंकवादी कार्रवाई की निंदा होनी चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ परिणाम दायक योजना तैयार करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए ब्रिक्स नेताओं ने इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र में विचाराधीन व्यापक आतंकवाद विरोधी समझौते को अंतिम रूप दिए जाने का आग्रह किया। उन्होंने ब्रिक्स की ओर से इस वर्ष आतंकवाद के खिलाफ कार्य योजना को अंतिम रूप देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
सुरक्षा परिषद सहित विश्व संस्थाओं में सुधार की मांग
सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न संस्थाओं में समय की मांग के अनुसार सुधार पर जोर देते हुए ब्रिक्स नेताओं ने विभिन्न वित्तीय संस्थाओं को प्रतिनिधित्व मूलक बनाने की मांग की। दुनिया में जन स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को मजबूत बनाने की आवश्यकता भी बताई गई।
मानवाधिकार मुद्दों पर दोहरे मानदंड ना हो
पश्चिमी देशों द्वारा मानवाधिकारों के नाम पर विभिन्न देशों की आलोचना करने के संबंध में संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि मानवाधिकार का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। इस संबंध में दोहरे मानदंडों और भेदभाव मूलक रवैया नहीं अपनाना चाहिए ।
चीन में होने वाले शीतकालीन खेलों को समर्थन
बैठक में अगले वर्ष चीन में आयोजित होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों के आयोजन का समर्थन किया गया।
उल्लेखनीय है कि चीन के शिंजियांग प्रांत में वीगर मुस्लिम अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के मद्देनजर पश्चिमी देशों में इन खेलों के बहिष्कार की मांग उठ रही है।
इजराइल फिलिस्तीन में युद्ध विराम का स्वागत
संयुक्त वक्तव्य में फिलिस्तीन में युद्ध विराम का स्वागत किया गया तथा अफगानिस्तान में आतंकवाद की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की गई।