* हर महीने 300 सैंपल जांच के लिए भुवनेश्वर भेजे जायेंगे
* स्वास्थ्य विभाग ने आरटीपीसीआर सेंटरों को दिया निर्देश
* राज्य के बाहर से आने वाले लोगों पर होगी विशेष नजर

आजाद सिपाही संवाददाता
रांची।
हेमंत सरकार कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए हर कदम उठा रही है। इसी कड़ी में सरकार ने जांच का दायरा बढ़ाने और कोरोना के वेरियेंट पर नजर रखने का फैसला लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की जांच करने वाले आरटीपीसीआर सेंटरों को कम से कम 300 सैंपल हर महीने भुवनेश्वर के आइएलएस लैब को भेजने का निर्देश दिया है। जहां से वायरस के जीनोम की जानकारी मिल सके।

पिछले दिनों मिले थे अलग-अलग वेरियेंट
राज्य सरकार ने पिछले दिनों जीनोम सिक्वेंस की जांच के लिए 364 सैंपल भेजे थे। इनमें 328 सैंपल में वैरियेंट आॅफ कंसर्न म्यूटेंट पाये गये थे। इनमें 204 डेल्टा वेरियेंट, 63 कप्पा, 29 अल्फा और 32 अन्य वेरियेंट थे। झारखंड में आठ जगहों रिम्स, टीबी सेंटर इटकी, टाटा अस्पताल जमशेदपुर, धनबाद, जमशेदपुर, दुमका, पलामू और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में आरटीपीसीआर टेस्ट हो रहा है। इन सेंटरों में जिस भी सैंपल का सीटी वैल्यू 25 या उससे कम हो, उन्हें भुवनेश्वर भेजने का निर्देश दिया गया है।

बाहर से आने वालों पर विशेष नजर
पिछली बार जीनोम सिक्वेंस की जांच रिपोर्ट में राज्य के बाहर से आने वाले लोगों में अलग वेरियेंट मिले थे। इसे देखते हुए सरकार ने राज्य के बाहर से आने वालों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया है। खास कर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल, तामिलनाडू, कर्नाटक आदि जगह जहां डेल्टा प्लस वेरियेंट पाया गया है, वहां से आने वालों की जांच पर विशेष ध्यान देने का निर्देश है। इससे नये वेरियेंट के फैलाव को रोकने के लिए ठोस कदम उठाया जा सके।

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