आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंड हाइकोर्ट ने जेपीएससी की छठी सिविल सेवा परीक्षा की मेधा सूची को रद्द कर नये सिरे से लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है। सोमवार को इस मामले में फैसला सुनाते हुए हाइकोर्ट ने यह आदेश दिया। इस बारे में दायर सभी याचिकाओं को अदालत ने चार श्रेणियों में विभाजित किया था। तीन श्रेणी की याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है, जबकि चौथी श्रेणी की याचिका को मंजूर कर लिया गया है। हाइकोर्ट के इस फैसले पर झारखंड समेत अन्य प्रदेशों के हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य टिका हुआ था। परीक्षा देने वाले लाखों अभ्यर्थी हाइकोर्ट के फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। बता दें कि सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद झारखंड हाइकोर्ट ने फरवरी महीने में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने छठी जेएसएससी की मुख्य परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों की उत्तरपुस्तिका को सुरक्षित रखने का आदेश दिया था। इसके साथ ही अदालत ने कहा था कि जेपीएससी सभी सफल अभ्यर्थियों की जानकारी प्रार्थी को सौंप दे, ताकि उन्हें प्रतिवादी बनाते हुए संशोधित याचिका हाइकोर्ट में दाखिल की जा सके।

प्रार्थियों की तरफ से पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार और अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन, अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा समेत अन्य ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा, वहीं जेपीएससी की और से अधिवक्ता संजोय पिपरवाल और प्रिंस कुमार ने पक्ष रखा। वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस मजूमदार एवं अन्य अधिवक्ताओं ने भी इस महत्वपूर्ण मामले में अदालत में अपने पक्षकारों की ओर से बहस की। प्रार्थियों के अधिवक्ता ने जेपीएससी द्वारा जारी किये गये अंतिम परिणाम में खामियां बताते हुए उसे चुनौती दी थी, जबकि जेपीएससी के अधिवक्ता ने पूरी प्रक्रिया को नियमसंगत बताया।

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