-सीएम ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा की
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को यहां पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा की और पौधरोपण अभियान की तैयारियों की विस्तृत जानकारी ली। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की बड़ी भूमिका है। विभाग नीतियों एवं प्राथमिकताओं के आधार पर बेहतर ढंग से कार्य करे और लक्ष्य के अनुरूप और तेजी से पौधारोपण कराएं।
सीएम ने कहा कि पौधारोपण के लिए जो कार्ययोजना बनाई गई है उसको ठीक ढंग से कार्यान्वित करें। पहाड़ी क्षेत्र के निचले भागों में जल संग्रहण के लिए जो जगह बनायी गयी हैं, उन जगहों पर भी पौधारोपण कराएं। उन्होंने कहा कि जो पौधे पहले से लगाए गए हैं उनके सर्वाइवल के लिए सभी जरूरी उपाय करें। सरकारी भवनों के परिसर में भी जितना संभव हो पौधारोपण कराएं। नहर एवं नदी के किनारे पौधारोपण कार्य में तेजी लाएं। सड़क किनारे भी लक्ष्य के अनुरूप तेजी से पौधारोपण कराएं। सभी जिलों में पौधारोपण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अधिक-से-अधिक लोगों को जोड़ें और पौधारोपण के लक्ष्य को प्राप्त करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 9 प्रतिशत रह गया था। वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की शुरुआत की गई। 24 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया था जिसमें 22 करोड़ पौधे लगाए गए। सीएम ने कहा कि बड़ी संख्या में पौधारोपण किए जाने से राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 15 प्रतिशत तक पहुंच गया। राज्य का हरित आवरण क्षेत्र कम-से-कम 17 प्रतिशत तक हो जाए इसके लिए तेजी से पौधारोपण कराएं। वर्ष 2019 में जल- जीवन -हरियाली अभियान की शुरुआत की गई जिसमें हरियाली को बढ़ावा देने के लिए तथा जल संरक्षण के लिए योजनाबद्ध ढंग से काम किये जा रहे हैं।
सीएम ने कहा कि राजगीर, गया और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में पौधारोपण के लिए बीज डाले गए, जिससे वहां वृक्षों की संख्या बढ़ी और क्षेत्र हरा-भरा दिखता है। उन्होंने कहा कि बिहार में इको-टूरिज्म के विकास के लिए कई कार्य किए गए हैं। कई आकर्षक स्थलों को पर्यटक केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। हमने कई जगहों का भ्रमण कर वहां की व्यवस्थाओं को देखा है।