सूरत /अहमदाबाद। भारत की वसुधैव कुटुम्बकम की सोच से प्रभावित सूरत के छह युवाओं ने साइकिल से 550 किलोमीटर की यात्रा कर खारदुंगला की 17,982 फीट ऊंचाई पर भगवा फहराया। इन युवक व युवतियों ने इस ऊंचाई पर भगवा ध्वज फहराकर सनातन धर्म परंपरा का संदेश भी दिया। इन साइक्लिस्टों का समूह अटल सुरंग से होकर गुजरा। यह पहली बार है कि अटल सुरंग से साइकिल से यात्रा करने की अनुमति दी गई।

दरअसल, सूरत के अलग-अलग व्यवसाय से जुड़े युवक-युवतियों ने देश की सनातन धर्म परंपरा और वैश्विक बंधुत्व की सोच को प्रचारित करने के लिए अनूठा बीड़ा उठाया है। इसी के चलते आर्किटेक्ट प्रसाद रावतोले, सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ लक्ष्मण टहेलयानी, सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रफुल्ल झा, यूनियन बैंक की असिस्टेंट मैनेजर मनीषा सिंह, क्षेत्रीय पीएफ कमिश्नर (सेकेंड) प्रियांशु सिंह, ब्रेडलाइनर ब्रांड के व्यवसायी नितिन पटेल ने मनाली टू खारदुंगला के बीच पर्वतों के छह पास साइकिल से पार किए। इन युवकों ने 550 किलोमीटर की साइकिल से यात्रा कर खारदुंगला की 17982 फीट ऊंचाई पर भगवा फहराकर सनातन धर्म परंपरा का संदेश भी दिया।

खारदुंगला की 17982 फीट ऊंचाई पर ऑक्सीजन की मात्रा 50 पर्सेंट से भी कम हो जाती है, तो शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा 65-70 रहती थी। टेम्प्रेचर माइनस 15 से लेकर 20 तक रहता था, लेकिन बुलंद हौसलों की बदौलत अपना लक्ष्य पूरा किया। इन साहसी साइक्लिस्टों ने अपनी 550 किलोमीटर की यात्रा के दौरान रोहतांग दर्रा (13050 फीट), नकीला दर्रा (15547 फीट), बारालाचला दर्रा (15910 फीट), लाचुंगला दर्रा (16616 फीट), टांगलागला दर्रा (17480 फीट) और खारदुंगला दर्रा (17982 फीट) से होकर गुजरे।

पहली बार अटल टनल से गुजरे साइक्लिस्ट
यात्रा में शामिल व्यवसायी नितिन पटेल ने बताया कि इससे पूर्व किसी भी साइक्लिस्ट को अटल टनल से जाने की मंजूरी नहीं मिली थी। स्थानीय प्रशासन ने उन्हें अटल टनल से गुजरने का अवसर दिया, जिससे हमारी यात्रा संभव हो सकी। अटल टनल के रूप में देश की प्रगति और प्रौद्योगिकी देखकर हम दंग रह गए, सचमुच यह टनल देशवासियों के लिए गर्व करने का विषय है।

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