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    Home»अन्य खबर»इतिहास के पन्नों में 10 जूनः अपनी जिंदगी के बाद दूसरों की दुनिया करें रोशन
    अन्य खबर

    इतिहास के पन्नों में 10 जूनः अपनी जिंदगी के बाद दूसरों की दुनिया करें रोशन

    shivam kumarBy shivam kumarJune 9, 2024No Comments4 Mins Read
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    नेत्रदान की महत्ता को समझते हुए प्रत्येक वर्ष 10 जून को विश्व नेत्रदान दिवस मनाया जाता है। इसके जरिए नेत्रदान के प्रति जन चेतना फैलाई जाती है। लोगों को मृत्यु के बाद अपनी आँखें दान करने की शपथ लेने के लिए प्रेरित करना इस विशेष दिवस का उद्देश्य है। विकासशील देशों में प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक दृष्टिहीनता है।

    भारत में नेत्रदान करने वालों का आंकड़ा संतोषजनक नहीं है। देश में यह संख्या एक फीसदी से भी कम है। देश में प्रत्येक वर्ष 80 से 90 लाख लोगों की मृत्यु होती है लेकिन नेत्रदान 25 हजार के आसपास ही होता है। जबकि एक व्यक्ति मृत्यु के बाद चार लोगों की अंधेरी दुनिया में उजाला फैला सकता है। पहले दोनों आंखों से दो ही लोगों को कोर्निया मिल पाती थी, लेकिन नई तकनीक से एक आंख से दो कोर्निया प्रत्यारोपित की जा रही है। डी मेक से होने वाला यह प्रत्यारोपण देश के हर बड़े आंखों के अस्पताल में शुरू हो चुका है।

    व्यक्ति की मृत्यु के छह घंटे तक ही कार्निया प्रयोग में लाई जा सकती है। आई बैंक एसोसियेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक देश में अभी 25 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्हें कार्निया की जरूरत है। यह प्रक्रिया अत्यंत सरल है और महज 15-20 मिनट में ही पूरी हो जाती है। नेत्र विशेषज्ञों के अनुसार आंखें कभी भी वृद्ध नहीं होतीं, इसलिए नेत्रदान की उम्र सीमा नहीं होती। एक वृद्ध व्यक्ति भी अपनी इच्छानुसार अपनी आंखें दान कर सकता है।

    अन्य अहम घटनाएंः

    1246- नसिरुद्दीन मुहम्मद शाह दिल्ली की गद्दी पर आसीन हुआ।

    1946- राजशाही खत्म होने के बाद इटली गणतांत्रिक राष्ट्र बना।

    1966- वायु सेना के लड़ाकू विमान ‘मिग’ का महाराष्ट्र के नासिक जिले से उत्पादन शुरू।

    1967- इजराइल ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर युद्ध विराम स्वीकार कर छह दिन से चल रहे अरब युद्ध को समाप्त कर दिया। इस दौरान इजराइल ने येरूशलम पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया।

    1971- अमेरिका ने चीन के 21 साल के व्यापार प्रतिबंध को खत्म कर दिया।

    1972- मुम्बई के मडगाँव बंदरगाह से पूर्ण वातानुकुलित पोत हर्षवर्धन का जलावतरण हुआ।

    1983- ब्रिटेन में मार्गरेट थैचर दोबारा प्रधानमंत्री बनीं।

    1986: भारत ने इंग्लैंड को 5 विकेट से हराकर लॉर्ड्स में पहली टेस्ट जीत दर्ज की।

    1999- इंडोनेशियाई स्वतंत्रता समर्थक नेता जोस रामोस होर्ता द्वारा 23 वर्ष बाद स्वदेश लौटने की घोषणा।

    2001- नेपाल नरेश हत्याकांड की जांच अवधि चार दिन के लिए बढ़ाई गई।

    2002- पाकिस्तान ने विश्व की दूसरी सबसे ऊँची चोटी के-2 का नाम बदलकर ‘चोगोरी’ अथवा ‘शाहगोरी’ कर दिया।

    2003- नासा का मंगलयान रोवर लॉन्च।

    2005- भारत और श्रीलंका में शिक्षा व सामुदायिक विकास से सम्बद्ध दो समझौतों पर हस्ताक्षर।

    2008- 54वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार में ‘लगे रहो मुन्नाभाई’ को सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार प्रदान किया गया।

    जन्म

    1890- गोपीनाथ बोरदोलोई – भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और असम के प्रथम मुख्यमंत्री।

    1906- दामोदर मेनन – भारत के प्रमुख स्वतन्त्रता सेनानियों में से एक।

    1921 – शिवदीन राम जोशी- अपने समय के जाने-माने कवि।

    1921- राजकुमार फ़िलिप (एडिनबर्ग के ड्यूक) – यूनाइटेड किंगडम की महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के पति।

    1931- एम. एस. गोपालकृष्णन – भारत के प्रसिद्ध वायलिन वादक।

    1938- राहुल बजाज – भारत के सबसे सफल उद्योगपतियों में से एक थे।

    1955- प्रकाश पादुकोण – सुप्रसिद्ध भूतपूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी।

    1958- अनूप सेठी – साहित्यकार एवं जनसेवक।

    1981- देवेन्द्र झाझरिया – भारत के एथलीट हैं।

    निधन

    2019- गिरीश कर्नाड – कवि, रंगमंच कर्मी, कहानी लेखक, नाटककार, फिल्म निर्देशक और फिल्म अभिनेता।

    2019- आर. वी. जानकीरमन- पुदुचेरी के भूतपूर्व 7वें मुख्यमंत्री।

    1987- जीवन- हिन्दी फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता।

    1957- भाई वीर सिंह- आधुनिक पंजाबी काव्य और गद्य के निर्माता के रूप में प्रसिद्ध कवि।

    महत्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव

    विश्व भूगर्भ जल दिवस

    विश्व नेत्रदान दिवस

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    shivam kumar

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