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    Home»देश»कार्यभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री का अधिकारियों को संदेश- जनता का पीएमओ होना चाहिए, मोदी का नहीं
    देश

    कार्यभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री का अधिकारियों को संदेश- जनता का पीएमओ होना चाहिए, मोदी का नहीं

    shivam kumarBy shivam kumarJune 10, 2024No Comments3 Mins Read
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    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि 2014 से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को सत्ता का केंद्र माना जाता था लेकिन मेरा शुरू से प्रयास रहा है कि पीएमओ सेवा का अधिष्ठान और पीपल्स पीएमओ बने।

    तीसरी बार प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद पीएमओ के अधिकारियों को अपने पहले संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 10 साल पहले हमारे देश में एक छवि बनी हुई थी कि पीएमओ एक शक्ति का केंद्र और एक बहुत बड़ा पावर सेंटर है। उन्होंने कहा कि मैं न सत्ता के लिए पैदा हुआ हूं और न ही मैं शक्ति अर्जित करने के बारे में सोचता हूं। मोदी ने कहा कि उनका पीएमओ को सत्ता केंद्र में बदलने का कोई इरादा नहीं है, जैसा कि 10 साल पहले इसकी परिकल्पना की गई थी। उन्होंने कहा कि वह इसे एक उत्प्रेरक एजेंट के रूप में विकसित करना चाहते हैं, जो लोगों के कल्याण के लिए काम करे।

    उन्होंने कहा कि पिछले 2014 से हमने जो कदम उठाए हैं, हमने इसे एक उत्प्रेरक एजेंट के रूप में विकसित करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि मेरा शुरू से प्रयास रहा है कि पीएमओ सेवा का अधिष्ठान और लोगों का पीएमओ बने। यह मोदी का पीएमओ नहीं हो सकता है। मोदी ने कहा कि उनके दिल और दिमाग में 140 करोड़ लोगों के अलावा कोई नहीं है।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि जब सरकार की बात आती है, तो यह सिर्फ मोदी ही नहीं है, हजारों दिमाग जो उनके साथ जुड़े हुए हैं, हजारों मस्तिष्क जो इस पर काम कर रहे हैं, हजारों भुजाएं जो इस पर काम कर रही हैं। इस विराट स्वरूप के कारण सामान्य मनुष्य भी इसकी क्षमताओं से परिचित हो पाता है। उन्होंने कहा कि सरकार का मतलब सामर्थ्य, समर्पण और संकल्पों की नई ऊर्जा है।

    मोदी ने कहा कि हम वो लोग नहीं हैं, जिनका ऑफिस इस समय शुरू होता है और इस समय खत्म होता है। हमारी टीम के लिए ना तो समय का बंधन है, ना सोचने की सीमाएं और ना ही पुरुषार्थ के लिए कोई तय मानदंड है। जो इससे परे हैं, वो मेरी टीम है और देश को उस टीम पर भरोसा है।

    उन्होंने कहा कि उन सबको मेरा निमंत्रण है, जो विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए समर्पित भाव से खप जाना चाहते हैं। हमारा एक ही लक्ष्य राष्ट्र प्रथम, एक ही इरादा 2047 तक विकसित भारत बनाना है। मैंने सार्वजनिक रूप से कहा है, मेरा पल-पल देश के नाम है। मैंने देश से वादा भी किया है कि 2047 के लिए 24/7, मुझे टीम से ऐसी उम्मीदें हैं।

    मोदी ने कहा कि मुझे लगता है कि अब मेरा दायित्व है कि मैं 10 साल में जितना सोचा था, उससे कहीं ज़्यादा सोचूं, 10 साल में जितना किया, उससे कहीं ज़्यादा करने का है। अब जो करना है, वो ग्लोबल बेंचमार्क को पार करने की दिशा में करना है। हम कल क्या थे और आज हमने कितना अच्छा किया वो समय बीत चुका है। अगर दुनिया उस मुकाम पर है, जिसके आगे कुछ नहीं है, तो हमें वहां पहुंचना है। हमें अपने देश को वहां ले जाना है, जहां कोई और नहीं पहुंचा।

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