रांची। सीआइडी के साइबर क्राइम थाना ने साइबर ठगी के एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपित वीरेंद्र की गिरफ्तारी हरियाणा के कैथल जिले के रजौंद थाना क्षेत्र अंतर्गत संतोख माजरा गांव से हुई है। इसके पास से घटना में इस्तेमाल किया गया मोबाइल और दो सिम, एसकेएम मैन्युफैक्चर प्रोपराइटर के मोंटी के नाम का आधार कार्ड के साथ पैनकार्ड बरामद किया गया है।डीएसपी नेहा बाला ने रविवार को बताया कि साइबर क्राइम थाना में पीड़ित महिला ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी कि उससे व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क किया गया। महिला से कहा गया कि आपको इंस्टाग्राम पर वीडियो लाइक कर स्क्रीन शॉट भेजने का पार्ट टाईम जॉब ऑफर किया गया है। महिला ने जब यह काम करना शुरू कर दिया, तो उसे टास्क दिया जाने लगा।
हर टास्क के लिए पैसे मिलने लगे। इससे महिला को आगे भी यह काम करते रहने का प्रोत्साहन मिला। इसके बाद साइबर ठग ने महिला को टेलीग्राम आइडी के माध्यम से संपर्क कर टास्क और हाइअर रेटिंग के लिए संपर्क किया गया। इस टेलीग्राम प्रोफाइल के माध्यम से दिये गये टास्क को करने के लिए इन्हें विभिन्न बैंक खाताओ में पैसे डालने को बोला गया। इसके बाद उनसे एक वेबसाइट एकाउंट बनाने बोला गया, जहां महिला के इंवेस्टमेंट का प्रॉफिट दिखाई देता था, लेकिन महिला को प्रोफिट नहीं मिला। इस प्रकार से महिला से 29 लाख 94 हजार 50 रुपये रुपये की ठगी कर ली गयी।
डीएसपी ने बताया कि अनुसंधान के दौरान मामले में प्रयुक्त फर्जी इंवेस्टमेंट वेबसाइट का आइपी एड्रेस सिंगापुर, चीन, टोक्यो और जापान का पाया गया। साथ ही फाइनेंशियल ट्रेल एनालिसिस में फेक कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड रैंक एकाउंट दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश के बैंक खाता पाया गया। इसमें करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन किये गये थे। जांच में इन बैंक खाताओं से हुए ट्रांजेक्शन के आइपी एड्रेस का मूल स्थान हांगकांग और चीन में पाया गया। त्वरित कार्रवाई करते हुए कांड में सभी बैंक खाताओं में नौ लाख 36 हजार को फ्रीज करवा दिया गया।
बता दें कि पूर्व में इसी मामले में रविशंकर की गिरफ्तारी 30 मई को दिल्ली से सीआइडी की टीम ने की थी।