– सीमा पार के आतंकवाद केंद्र अब सुरक्षित नहीं, हम उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेंगे
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होने का आह्वान किया है। उन्होंने एससीओ देशों के सामने पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में शुरू किये गए ऑपरेशन ’सिंदूर’ की जानकारी देकर पाकिस्तान के आतंकवाद को बेनकाब किया। उन्होंने भारत की नीति स्पष्ट करते हुए कहा कि क्षेत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित हैं तथा बढ़ती कट्टरता, उग्रवाद और आतंकवाद इन समस्याओं का मूल कारण हैं।
चीन की मेजबानी में इस बार एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक किंगदाओ में हो रही है। उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए राजनाथ सिंह गए हैं। सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों, एससीओ महासचिव, एससीओ के क्षेत्रीय आतंकवाद निरोधक ढांचे (आरएटीएस) के निदेशक और अन्य प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति के रूप में इस्तेमाल करके आतंकवादियों को पनाह देते हैं। ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए और एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले के जवाब में आतंकवाद से बचाव और सीमा पार से होने वाले हमलों को रोकने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए ऑपरेशन ’सिंदूर’ शुरू किया। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के दौरान पीड़ितों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर गोली मार दी गई थी। संयुक्त राष्ट्र से घोषित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ खुद का बचाव करना हमारा अधिकार है। हमने दिखाया है कि आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं और हम उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेंगे।
राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के हर कृत्य को आपराधिक और अनुचित करार दिया। उन्होंने कहा कि एससीओ सदस्यों को इस बुराई की स्पष्ट रूप से निंदा करनी चाहिए। उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ने की भारत की प्रतिबद्धता जताई। रक्षा मंत्री ने युवाओं में कट्टरपंथ का प्रसार रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने का आह्वान किया। राजनाथ सिंह ने सीमा पार से हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन सहित इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक का मुकाबला करने की आवश्यकता पर जोर दिया। मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य में एससीओ की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए रक्षा मंत्री ने मध्य एशिया के साथ संपर्क बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की। ———–