रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि किसी भी कीमत पर राज्य में मीट का व्यापार अवैध तरीके से नहीं होने दिया जायेगा। सरकार लाइसेंस दे रही है, दुकानदार लाइसेंस के लिए आॅनलाइन आवदेन दे सकते हैं। लाइसेंसधारी दुकानदार ही नियमों के अनुसार तय जानवरों के मीट बेच सकते हैं। प्रतिबंधित पशुओं की हत्या और उनके मांस की बिक्री पर कड़ाई से रोक लागू रहेगी। मुख्यमंत्री बुधवार को झारखंड मंत्रालय में वरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे।

जल्द हो वधशाला का निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि मीट का व्यापार करनेवालों को अभी लाइसेंस लेने की प्रक्रिया की पूरी जानकारी नहीं है। उन्हें लाइसेंस लेने की प्रक्रिया के बारे में बतायें। निर्देश दिया कि जल्द से जल्द वधशाला का निर्माण कर उन्हें आउटसोर्सिंग पर दें। इससे मीट के अवैध व्यापार पर रोक लगेगी। जहां वधशाला बनायी जानी है, वहां ट्रीटमेंट प्लांट भी लगायें, ताकि पशुओं का खून सड़क पर न बहे।

7333 लाइसेंस निर्गत
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि राज्य में आॅनलाइन लाइसेंस दिया जा रहा है। अब तक 7333 लाइसेंस दिये जा चुके हैं। एक लाइसेंसधारी दुकानदार प्रतिदिन 50 पक्षी (मुर्गा आदि) तथा 10 छोटे पशु (खस्सी) का मांस बेच सकता है। बैठक में मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, रांची नगर निगम के आयुक्त शांतनू अग्रहरी उपस्थित थे।

 

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मार्च 2018 तक 112 विद्युत सबस्टेशन के निर्माण का कार्य पूरा करें। 15 नवंबर तक 6 जिलों को पूर्णत: विद्युतीकृत जिला घोषित करें। उन्होंने कहा कि 28 दिसंबर 2014 से अब तक 7 लाख घरों में बिजली पहुंची है। वर्ष 2014 तक 68 लाख परिवारों में केवल 38 लाख परिवारों तक बिजली की सुविधा थी, कुल 30 लाख परिवार विद्युत की सुविधा से वंचित थे। सीएम ने अधिकारियों को भी चेताया कि समर्पण और निष्ठा से काम करें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 तक शेष 23 लाख परिवारों तक बिजली पहुंचाने का कार्य हर हाल में पूरा करें। मुख्यमंत्री बुधवार को ग्रामीण एवं शहरी विद्युतीकरण योजनाओं की कार्यकारी एजेंसियों के साथ बैठक कर रहे थे।
किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग ने संवेदकों के भुगतान को सरलीकृत किया है, फिर भी यह ताकीद की जाती है कि किसी भी संवेदक को भुगतान के लिए दफ्तरों का चक्कर न काटना पड़े। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने विभाग के सचिव तथा प्रबंध निदेशकों से कहा कि वे समय से पहले अपना लक्ष्य प्राप्त करनेवाले संवेदकों को सम्मानित भी करें। सीएम ने कहा कि राज्य के दुरूह से दुरूह स्थल पर जो गांव हैं, वहां तक बिजली पहुंच कर रहेगी। संवेदक अपने मैन पावर में वृद्धि कर समय पर लक्ष्य को पूरा करें। उन्होंने सभी कार्य एजेंसियों की समस्याओं और सुझावों को सुना तथा निराकरण के निर्देश भी दिये। वन विभाग से क्लीयरेंस के लिए एक समन्वय बैठक करने का उन्होंने निर्देश दिया, ताकि वन विभाग से समयबद्ध क्लीयरेंस मिल सके।

सफलता के लिए टीम वर्क जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि संवेदक स्वयं को केवल संवेदक ही न समझें, बल्कि वे महसूस करें कि वे देश और समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब हर गरीब का घर विद्युत से रोशन होगा, तब सच्चा संतोष प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए टीम वर्क का होना जरूरी है। सरकार और संवेदक एक टीम की तरह कार्य करें।

दो माह बाद पुन: समीक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्युत बुनियादी आवश्यकता है। झारखंड प्रकृति की दृष्टि से समृद्ध है और विकास की अपार संभावनाओं वाला राज्य है। प्रत्येक घर तक बिजली पहुंचा कर ही हम विकास की वास्तविक चमक को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री स्वयं इस दिशा में चिंतित और प्रयत्नशील हैं। प्रत्येक दो माह पर वे राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ समीक्षा करते हैं। इसलिए इससे जुड़े सभी लोग समर्पित भाव से कार्य करें। मुख्यमंत्री ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से कहा कि 2 माह के बाद पुन: समीक्षा की जायेगी। बैठक में ऊर्जा सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राहुल पुरवार, झारखंड राज्य विद्युत संचरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक निरंजन कुमार, एजेंसियों के प्रमुख और प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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