रांची: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को खाना खिलाना भाजपा के दलित कार्यकर्ता भगत बाल्मिकी को महंगा पड़ गया। मकान मालिक ने उसे एक ही झटके में बिना अल्टीमेटम दिये घर से निकाल दिया। भाजपा के पुराने कार्यकर्ता भगत बाल्मिकी के यहां केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने केंद्र सरकार के तीन साल पूरे होने पर पार्टी के एक कार्यक्रम के तहत 8 जून को भोजन किया था। अभी महीना पूरा भी हुआ नहीं था कि मकान मालिक ने भगत बाल्मिकी से मकान खाली करवा दिया।

चार साल से जनता फ्लैट में रह रहे थे भगत
दरअसल, पिछले महीने की आठ तारीख को गडकरी ने हरमू के पटेल चौक स्थित जनता फ्लैट में जाकर भगत बाल्मिकी के घर भोजन किया था। बाल्मिकी जनता हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट नंबर 29/1 में पिछले चार साल से रह रहे थे। जबसे गडकरी उसके यहां भोजन कर गये, तब से ही मकान मालिक ने उन पर घर खाली करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। यहां तक की मकान मालिक उनकी अनुपस्थिति में भी घर में आकर दबाव देने लगा। उसके दबाव के कारण उन्हें बीते बुधवार को घर खाली करना पड़ा।

मकान मालिक ने बनाया बहाना
वहीं इस मामले में जब मकान मालिक से बात की गयी, तो उसने कहा कि भगत बाल्मिकी पिछले चार साल से उनके फ्लैट में रह रहे थे। उन्हें मकान की मरम्मत करानी थी, इसलिए ऐसा करना पड़ा। आस-पड़ोस वालों ने बताया कि गडकरी के दौरे के बाद से मकान मालिक काफी संशय में था। हैरत की बात यह है कि गडकरी के साथ राज्य के शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह, पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय और कई लोग बाल्मिकी के घर गये थे, लेकिन किसी ने भी भोजन करने के बाद से सुधि नहीं ली।

हर रोज बनाया जा रहा था दबाव
भगत बाल्मिकी ने कहा कि मकान मालिक हर रोज घर में आ धमकता था और उनके परिवार वालों पर घर खाली करने का दबाव बनाता था। मकान मालिक कभी 2 घंटे में तो कभी 3 घंटे में मकान खाली करने का अल्टीमेटम देता था। उन्होंने कहा कि जब वे शाम में काम से वापस घर लौटते थे, तब पूरे परिवार का चेहरा उतरा होता था। बार-बार के दबाव से परेशान होकर आखिर उन्होंने घर खाली करने का फैसला लिया और घर का सारा सामान पैक कर लिया। जब सामान पैक कर रहे थे, उस वक्त तक ये तय नहीं था कि कहां आशियाना बनायेंगे। आसपास के लोगों ने मुहल्ले में ही खाली पड़े जर्जर सरकारी जनता फ्लैट में उन्हें शिफ्ट कराया। भगत बाल्मिकी ने कहा कि 1-2 महीने तक इसी घर में गुजारेंगे और बरसात के बाद नया मकान ढूंढ़ेंगे।

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