प्योंगयांग: उत्तर कोरिया के सरकारी समाचार पत्र रोडोंग सिनमुन में शनिवार को प्रकाशित एक लेख में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के शांति प्रस्ताव को भ्रामक करार दिया गया है। समाचार एजेंसी एफे ने लेख के हवाले से कहा कि पिछले सप्ताह बर्लिन में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-ईन द्वारा एक भाषण के दौरान दिए गए प्रस्ताव का मकसद शांति हासिल करने में बाधा पैदा करना है न कि अंतर-कोरियाई रिश्तों के सुधार में मदद करना।

लेख के मुताबिक, ‘शांति पहल कुतर्को से भरी है और यह सोते वक्त बड़बड़ाने जैसा है, जो उत्तर व दक्षिण कोरिया के संबंधों में सुधार लाने में मदद नहीं करता, बल्कि इस राह में केवल बाधाएं पैदा करता है।’ समाचार पत्र ने मून के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और द्विपक्षीय वार्ता तथा सहयोग शुरू करने की दिशा में सियोल से नीति व रुख में बुनियादी बदलाव का आह्वान किया। बर्लिन में अपने भाषण में मून ने कहा कि वह सही हालात में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन से मुलाकात करने के लिए तैयार हैं और उन्होंने कोरियाई युद्ध में अलग हुए परिवारों के सदस्यों के बीच मुलाकात फिर शुरू करने की पेशकश की।

प्योंगयांग द्वारा बार-बार परमाणु हथियारों के परीक्षण के बाद प्रायद्वीप में पसरे तनाव के बीच मून ने प्रस्ताव में कहा कि दोनों पक्ष अपनी सीमाओं पर शत्रुता खत्म करें। मई महीने में कार्यभार संभालने के बाद दक्षिण कोरिया के उदारवादी राष्ट्रपति ने प्योंगयांग के साथ बाचतीत शुरू करने के प्रयास किए हैं।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version